द रिडिक्यूलस विशेज़ फेयरी टेल | The Ridiculous Wishes Fairy Tale In Hindi | मूर्खतापूर्ण इच्छाएं परी कथा
कहानियाँ न केवल मनोरंजन का माध्यम होती हैं, बल्कि वे हमें महत्वपूर्ण जीवन-प्रेरणाएँ भी देती हैं। परी कथाएँ विशेष रूप से बच्चों को नैतिक शिक्षा प्रदान करने में सहायक होती हैं। चार्ल्स पेराल्ट द्वारा लिखित “द रिडिक्यूलस विशेज़” (The Ridiculous Wishes) ऐसी ही एक रोचक कहानी है, जिसमें एक गरीब लकड़हारे को तीन इच्छाएँ पूरी करने का वरदान मिलता है। लेकिन वह और उसकी पत्नी अपनी मूर्खता और आवेग के कारण इन इच्छाओं को व्यर्थ कर देते हैं। इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि जीवन में धैर्य, समझदारी और दूरदर्शिता का होना आवश्यक है।
The Ridiculous Wishes Fairy Tale In Hindi
Table of Contents
बहुत समय पहले की बात है, एक छोटे से गाँव में एक गरीब लकड़हारा रहता था। उसकी आमदनी बहुत कम थी, जिससे वह और उसकी पत्नी बड़ी कठिनाई से अपना गुज़ारा करते थे। हालाँकि वह मेहनती और ईमानदार था, फिर भी उसे कई बार अपने भाग्य पर अफसोस होता था।
एक दिन, जब वह जंगल में लकड़ियाँ काट रहा था, तो अचानक उसने गहरी सांस भरते हुए कहा, “कुछ लोगों को जो भी चाहिए, उन्हें तुरंत मिल जाता है, लेकिन मेरे लिए तो कोई भी इच्छा पूरी नहीं होती। मेरे लिए तो भगवान भी बहरे हैं!”
उसके ये शब्द कहते ही अचानक आकाश में गड़गड़ाहट हुई और देवताओं के राजा ज्यूपिटर (Jupiter) गरजते हुए प्रकट हुए। उनके हाथ में बिजली की चमकती हुई गदा थी। लकड़हारा यह दृश्य देखकर भयभीत हो गया और घबराहट में ज़मीन पर गिर पड़ा।
“मेरा स्वामी, कृपया मेरी मूर्खता को क्षमा करें। मैंने जो कुछ भी कहा, वह केवल मेरी निराशा का परिणाम था।” उसने कांपते हुए कहा।
लेकिन ज्यूपिटर ने शांत स्वर में कहा, “डरो मत, लकड़हारे। मैं तुम्हारी शिकायतें सुन चुका हूँ और यह साबित करने के लिए कि मैं न्यायप्रिय हूँ, मैं तुम्हें तीन इच्छाएँ पूरी करने का वरदान देता हूँ। जो कुछ भी तुम चाहोगे, वह पूरा होगा, लेकिन सोच-समझकर इच्छा माँगना, क्योंकि यह अवसर तुम्हारे जीवन में दोबारा नहीं आएगा।”
इतना कहकर ज्यूपिटर आकाश में विलीन हो गए।
लकड़हारा बहुत खुश हुआ और अपनी लकड़ियों का गट्ठर कंधे पर डालकर खुशी-खुशी अपने घर की ओर चल पड़ा। रास्ते में उसने कई इच्छाओं के बारे में सोचा, लेकिन उसने तय किया कि वह अपनी पत्नी फैनी (Fanny) से सलाह लेकर ही कोई इच्छा माँगेगा।
जब वह घर पहुँचा, तो उसने अपनी पत्नी को बुलाया और सारी बात बताई।
“फैनी! हम अब अमीर हो सकते हैं। हमें बस तीन सही इच्छाएँ माँगनी हैं और फिर हम जीवनभर आराम से रह सकते हैं!”
फैनी भी बहुत खुश हुई और बोली, “यह बहुत बड़ी बात है। हमें सोच-समझकर इच्छाएँ माँगनी चाहिए। हम रातभर इस पर विचार करेंगे और कल सुबह निर्णय लेंगे।”
लकड़हारे ने उसकी बात मान ली। वह आग के पास बैठा, अपने आरामदायक कुर्सी पर पैर फैलाए, और बोला, “चलो, आज खुशी मनाते हैं। लाओ, कुछ अच्छा खाने-पीने का इंतज़ाम करो।”
फैनी ने लकड़ियों के पीछे रखी एक शराब की बोतल निकालकर दी। लकड़हारे ने एक घूँट लिया और आग की लपटों को देखकर मज़ाक में बोल पड़ा, “वह! यह कितनी शानदार आग है। काश, हमारे पास एक स्वादिष्ट काला पुडिंग होता!”
जैसे ही उसने यह कहा, जादू से एक लंबा, काला पुडिंग चूल्हे से निकलकर सामने आ गया!
फैनी यह देखकर हैरान रह गई और गुस्से से लकड़हारे को घूरने लगी।
“यह तुमने क्या किया?” वह चिल्लाई, “जब तुम सोने, हीरे-जवाहरात, महल या एक साम्राज्य माँग सकते थे, तब तुमने बस एक काले पुडिंग की इच्छा कर डाली? कितने मूर्ख हो तुम!”
लकड़हारे को अपनी गलती का एहसास हुआ और उसने सिर झुका लिया, “हाँ, यह मेरी बेवकूफी थी, लेकिन अगली इच्छा मैं सोच-समझकर माँगूंगा।”
लेकिन फैनी का गुस्सा शांत नहीं हुआ। वह लकड़हारे को कोसती रही, “तुम्हारी वजह से हमारा एक अमूल्य मौका बर्बाद हो गया! मुझे यकीन है कि अगली इच्छा भी तुम मूर्खतापूर्ण ही माँगोगे!”
लकड़हारा भी गुस्से में आ गया और चिल्लाया, “बस करो, फैनी! तुम बहुत बक-बक कर रही हो! काश, यह काला पुडिंग तुम्हारी नाक से चिपक जाता!”
जैसे ही उसने यह कहा, पुडिंग सचमुच फैनी की नाक से जुड़ गया! अब उसकी नाक से एक लंबी, काली पुडिंग लटक रही थी।
लकड़हारा यह देखकर अवाक रह गया। फैनी ने भी जब खुद को शीशे में देखा, तो वह रोने लगी।
अब केवल एक इच्छा बची थी। लकड़हारे ने सोचा, “मैं अब इस अवसर का सही उपयोग करूँगा। मैं एक साम्राज्य की इच्छा करूँगा। लेकिन मेरी रानी कैसी दिखेगी? अगर उसकी नाक से यह भद्दा पुडिंग लटका रहेगा, तो लोग हमारी हंसी उड़ाएँगे!”
उसने फैनी से पूछा, “तुम क्या चाहती हो? एक रानी बनना और यह पुडिंग अपनी नाक से झेलना या फिर इसे हटाकर एक सामान्य जीवन जीना?”
फैनी ने तुरंत उत्तर दिया, “मैं सौंदर्य के बिना एक पल भी नहीं रह सकती। मुझे यह पुडिंग हटवाना है!”
लकड़हारे ने अंतिम इच्छा माँगी, “हे ईश्वर, कृपया मेरी पत्नी की नाक से यह पुडिंग हटा दो!”
जैसे ही उसने यह कहा, पुडिंग गायब हो गया और फैनी की नाक फिर से सामान्य हो गई। दोनों ने राहत की साँस ली।
कहानी से शिक्षा
लकड़हारे और उसकी पत्नी को तीन बहुमूल्य इच्छाएँ मिलीं, लेकिन उन्होंने उन्हें व्यर्थ कर दिया। इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि जीवन में अवसर बहुत कीमती होते हैं, और हमें सोच-समझकर ही अपने निर्णय लेने चाहिए।
1. आवेग में लिए गए निर्णय अक्सर हानिकारक होते हैं।
2. धन और वैभव से अधिक महत्वपूर्ण है समझदारी और संयम।
3. दिखावटी वैभव से अधिक महत्वपूर्ण है आत्म-संतुष्टि।
लकड़हारा अपने सामान्य जीवन में लौट आया, लेकिन अब वह अधिक समझदार हो गया था। उसने सीखा कि इच्छाएँ तब तक व्यर्थ हैं, जब तक उनका सही उपयोग न किया जाए।
गोल्डीलॉक्स और तीन भालू परी कथा