गौरैया और बंदर कहानी पंचतंत्र ~ मित्रभेद | The Sparrow And The Monkey Story In Hindi Panchatantra Story

फ्रेंड्स, इस पोस्ट में हम गौरैया और बंदर कहानी पंचतंत्र  (The Sparrow And The Monkey Panchatantra Story In Hindi) शेयर कर रहे हैं. यह कहानी पंचतंत्र के तंत्र (भाग) मित्रभेद से ली गई है. इस कहानी में बारिश में भीगते हुए बंदर को एक गौरैया जबरदस्ती ज्ञान देने लगती है. इसका उसे क्या परिणाम भोगना पड़ता है, यही इस कहानी में बताया गया है. पढ़िए  Bandar Aur Gauraiya Ki Moral Story:

The Sparrow And The Monkey Panchatantra Story 

The Sparrow And The Monkey Panchatantra Story In Hindi
The Sparrow And The Monkey Panchatantra Story In Hindi

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वन में घने वृक्ष की शाखा में घोंसला बनाकर गौरैया (Sparrow) का जोड़ा रहा करता था. वर्षों से वे वहाँ सुख का जीवन व्यतीत कर रहे थे.

ठंड का मौसम था. गौरैया का जोड़ा अपने घोंसलें में बैठा आराम कर रहा था. तभी अचानक ठंडी हवा के साथ बारिश प्रारंभ हो गई.

ऐसे में कहीं से एक बंदर आया और उस डाल पर बैठ गया, जहाँ गौरैया के जोड़ों का घोंसला था. बंदर ठंड से ठिठुर रहा था. ठिठुरन के कारण उसके दांत किटकिटा रहे थे.

बंदर के दांतों की किटकिटाहट सुन गौरैया ने अपने घोंसलें से बाहर झांककर देखा. बंदर को बारिश में भीगता देख वह स्वयं पर नियंत्रण नहीं रख पाई और पूछ बैठी, “कौन हो तुम? इतनी बारिश में यहाँ इस डाल पर क्या कर रहे हो? क्या तुम्हारा कोई घर नहीं?”

गौरैया की बात सुन बंदर चिढ़ गया. किंतु उस समय वह किसी बात का उत्तर नहीं देना चाहता था. वह चुप रहा.

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बंदर को चुप देख गौरैया का हौसला बढ़ गया और लगी वह अपनी सलाह देने, “लगता है तुम्हारा कोई घर नहीं. तभी इस बरसात में भीग रहे हो. तुम्हारा चेहरा तो मानव जैसा है. शरीर से भी हृष्ट-पुष्ट लगते हो. ऐसे में अपना घर बनाकर क्यों नहीं रहते? अपना घर न बनाना मूर्खता है. उसका फल देखो, तुम बारिश में बैठे ठिठुर रहे हो और हमें देखो, हम सुख से अपने घोंसले में बैठे है.”

ये सुनना था कि बंदर क्रोध में लाल-पीला हो गया. उसने गौरैया के घोंसले को तोड़ दिया. मूर्ख को परामर्श देने का फल गौरैया को मिल गया था.

सीख (Moral of the Monkey And Bird Story In Hindi)

परामर्श उसे दो, जिसे वास्तव में उसकी आवश्यकता हो. वह उसका मूल्य समझेगा. मूर्ख को परामर्श देने पर हो सकता है, उसके दुष्परिणाम भोगने पड़े.

Bandar Aur Gauraiya Short Story In Hindi

एक पेड़ पर गौरैया का घोंसला था। वह वहां सुख से रहती थी।

बारिश के दिन एक बंदर आकर पेड़ की डाल पर बैठ गया। वह भीग रहा था और ठंड से कांप रहा था।

गौरैया उसे देखकर बोली, “ये क्या हाल बना रखा है? घर नहीं है क्या?”

बंदर ने खीझकर उसे देखा, पर कहा कुछ नहीं।

गौरैया का हौसला बढ़ गया। वह बोली, “आलसी बंदर! घर बना लेते, तो इस तरह बारिश में नहीं भीगते।”

ये सुनकर बंदर को गुस्सा आ गया। उसने गौरैया का घोंसला नोंचकर फेंक दिया।

सीख
मूर्ख को सलाह देने का दुष्परिणाम भुगतना पड़ सकता है। इसलिए हर किसी को बेवजह सलाह मत दो।

Monkey And Sparrow Story Video

 


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