कौवे और उल्लू के बैर की कथा : पंचतंत्र ~ ककोलूकियम | Panchatantra Story Of Crows And Owls In Hindi

फ्रेंड्स, इस पोस्ट में हम पंचतंत्र की कहानी “कौवे और उल्लू का बैर” (The War Of Crows And owls Panchatantra Story In Hindi) शेयर कर रहे है. पंचतंत्र के तंत्र (भाग) काकोलूकियम से ली गई यह कहानी उल्लू के पक्षियों का राजा न बन पाने का कारण (Why the owl is not the king of he birds) स्पष्ट करती है और साथ ही यह भी बताती है कि कौवा और उल्लू शत्रु क्यों है? पढ़िए कहानी  : 

The War Of Crows And Owls Story In Hindi

Panchatantra Story Of Crows And Owls In Hindi
Panchatantra Story Of Crows And Owls In Hindi

पढ़ें पंचतंत्र की संपूर्ण कहानियाँ : click here

>

एक जंगल में पक्षियों का समूह रहता था, जिसका राजा वैनतेय (गरुड़) था. वैनतेय अपना अधिकांश समय वासुदेव की भक्ति में व्यतीत करता था. अतः अपनी प्रजा की ओर ध्यान नहीं दे पाता था. उसकी प्रजा अपने प्रति उसका विरक्ति भाव देख अप्रसन्न थी.

एक दिन समस्त पक्षियों ने सभा की, जिसमें चातक, कोयल, बगुला, हंस, तोता, उल्लू, कबूतर आदि पक्षी एकत्रित हुए और इस विषय पर चर्चा करने लगे.

चातक,पक्षी बोला, “हमारा राजा वैनतेय वासुदेव की भक्ति में अपनी प्रजा को ही भूल गया है. उसे हमारी कोई चिंता ही नहीं है. ऐसे में उचित होगा कि हम किसी अन्य को अपना राजा चुन लें.”

सभी ने एकमत से उल्लू को अपना राजा चुन लिया और उसके अभिषेक की तैयारी में जुट गए. उसका राजमुकुट और राजसिंहासन तैयार किया जाने लगा. गंगा का पवित्र जल मंगाया गया और अनुष्ठान प्रारंभ हो गया.

पढ़ें : दो साँपों की कहानी पंचतंत्र 

तभी कहीं से एक कौवा उड़ता हुआ उस स्थान पर आया, जहाँ उलूकराज के अभिषेक की तैयारी चल रही थी. सारी व्यवस्था देख वह सोचने लगा कि यह सब किसलिए? किस समारोह के लिए ये सारी व्यवस्था की जा रही है?

उसने कोयल से पूछा, “मित्र! यहाँ किस उत्सव की तैयारी चल रही है?”

कोयल ने उसे उल्लू के अभिषेक के बारे में जानकारी दी. यह सुन कौवा हँसने लगा. उसे हँसता देख समस्त पक्षी उसके आस-पास एकत्रित हो गए. उन्होंने उसके हँसने का कारण पूछा.

कौवे के कहा, “राजा के लिए तुम्हारा चुनाव गलत है.”

सभी जानते थे कि कौवा एक चतुर और कूटराजनीतिज्ञ पक्षी है. इसलिए उन्होंने उससे मंत्रणा करना उचित समझा.

कौवा कहने लगा, “क्या तुम लोगों के पास राजा के चुनाव के लिए प्रत्याशियों की कमी है? तुम लोगों को क्या सूझी कि सौंदर्य के द्योतक मोर, हंस, सारस, चक्रवाक, शुक जैसे पक्षियों के रहते टेढ़ी नाक वाले उल्लू को राजा अपना राजा चुन लिया?”

वह कहता गया, “उल्लू रौद्र स्वाभाव का आलसी, कायर, व्यसनी और कटुभाषी पक्षी है. ऊपर से दिवान्ध है. वह तुम्हारा क्या हित करेगा? उससे तो तुम्हारा वर्तमान राजा वैनतेय भला है. उल्लू की अपेक्षा वह तुम्हारे लिए अधिक कल्याणकारी है. उसके रहते उल्लू को राजा बनाने का क्या तुक? राजा तो एक ही होता है. एक से अधिक राजा का होना प्रतिद्वन्द्वता को जन्म देता है, जो विनाश की ओर ले जाता है. उल्लू जैसेअ योग्य को राजा बनाकर तुम पक्षीजगत का सर्वनाश कर दोगे?”

पढ़ें : सुनहरे गोबर की कहानी पंचतंत्र 

सभी पक्षी कौवे की बात से प्रभावित हो गये. उल्लू के अभिषेक का विचार त्याग कर वे सब वहाँ से चले गए. जब उल्लू अपने अभिषेक के लिए पहुँचा, तो वहाँ मात्र उसका मित्र कृकालिका और कौवा थे. अन्य किसी पक्षी को न देख उल्लू अचरज में पड़ गया.

उसने अपने मित्र कृकालिका से पूछा, “क्या हुआ? सारी पक्षी कहाँ हैं?”

कृकालिका ने उल्लू को बताया, “मित्र! इस कौवे के कारण सबने तुम्हारे अभिषेक का विचार त्याग दिया है.”

उल्लू को कौवे पर बहुत क्रोध आया. वह उसे पूछने लगा, “तुमने ऐसा क्यों किया दुष्ट कौवे? मेरे राजा बन जाने से तेरा क्या चला जाता? तुमने अकारण मुझसे बैर मोल लिया है. अब से तू सदा मेरा और मेरे वंश का बैरी रहेगा.”

कौवा कुछ कह न पाया. चुपचाप बैठा रहा. उल्लू कुड़कुड़ाता हुआ वहाँ से चला गया. कौवा सोचने लगा कि व्यर्थ में ज्ञान देकर मुझे क्या हुआ? इन पक्षियों के मामले में हस्तक्षेप कर मैंने अकारण ही उल्लू से बैर ले लिया है. इस तरह मैंने अपनी स्वयं की हानि कर ली है.

यह सोचता हुआ कौवा वहाँ से चला गया. तब से कौवों और उल्लू में स्वाभाविक बैर चला आ रहा है.

सीख (Moral of the story)

दूसरों के मामले में हस्तक्षेप अकारण ही आपको समस्या में डाल सकता है.


Friends, आपको “The War Of Crows And Owls Story In Hindi” कैसी लगी? आप अपने comments के द्वारा हमें अवश्य बतायें. “Panchatantra Story Of Crows And Owls In Hindi” पसंद आने पर Like और Share करें. ऐसी ही अन्य “Panchatantra Ki Kahani” पढ़ने के लिए हमें Subscribe कर लें. Thanks.

Read More Panchatantra Ki Kahani :

 

Leave a Comment