Fairy Tale In Hindi

अद्भुत संगीतकार की कहानी परी कथा | The Wonderful Musician Story In Hindi 

अद्भुत संगीतकार की कहानी परी कथा (The Wonderful Musician Story In Hindi Fairy Tale)

संगीत एक ऐसी कला है, जो न केवल दिलों को छूती है, बल्कि अपनी मधुरता से आत्मा को भी जागृत कर देती है। यह कहावत सच है कि संगीत की कोई भाषा नहीं होती; यह हर जीव के दिल में समान रूप से गूंजता है। प्रस्तुत कहानी एक ऐसे अद्भुत संगीतकार की है, जिसने न केवल इंसानों बल्कि जंगल के जानवरों पर भी अपने संगीत का जादू चलाया। हालांकि, यह कहानी केवल संगीत के जादू तक सीमित नहीं है; यह जीवन की कई महत्वपूर्ण सीख भी देती है, जैसे कि धैर्य, विवेक, और अपने सहयोगियों के सही चुनाव का महत्व।

The Wonderful Musician Story In Hindi

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The Wonderful Musician Story In Hindi

बहुत समय पहले की बात है। एक घने जंगल में एक अद्भुत संगीतकार अपनी सारंगी के साथ भटक रहा था। वह अपने जीवन के उद्देश्यों और अकेलेपन पर विचार कर रहा था। आखिरकार, उसने यह निर्णय लिया कि जंगल में अपने समय को बेहतर बनाने के लिए वह एक साथी की तलाश करेगा। अपनी सारंगी उठाकर उसने बजाना शुरू किया। उसकी धुन इतनी मधुर थी कि जंगल के सभी जीव उसे सुनकर खिंचे चले आए।

कुछ ही देर में झाड़ियों के बीच से एक भेड़िया उसकी ओर भागता हुआ आया। संगीतकार ने भेड़िये को देखकर सोचा, “मैं भेड़िये को अपना साथी नहीं बनाना चाहता।” ।

लेकिन भेड़िया उसकी ओर आया और बोला, “ओह, प्यारे संगीतकार, आप कितना सुंदर बजाते हैं। मुझे भी यह कला सीखनी चाहिए।”

संगीतकार ने उत्तर दिया, “यह सीखना आसान है, लेकिन तुम्हें मेरी बात माननी होगी।”  

संगीतकार ने भेड़िये को एक दरार दिखाकर कहा, “अपने अगले पंजे इसमें डाल दो।” जैसे ही भेड़िये ने ऐसा किया, संगीतकार ने पत्थर से उसके पंजों को फंसा दिया। भेड़िया गुस्से और बेबसी में फंसा रह गया। संगीतकार ने कहा, “यहीं रुको, मैं बाद में लौटूंगा,” और आगे बढ़ गया।

जंगल में थोड़ी दूर चलने के बाद संगीतकार ने फिर से अपनी सारंगी बजाई। इस बार एक लोमड़ी उसकी ओर रेंगती हुई आई। लोमड़ी ने कहा, “ओह, प्यारे संगीतकार, आप कितनी सुंदर धुन बजाते हैं। मुझे भी इसे सीखना चाहिए।”

संगीतकार ने सोचा कि लोमड़ी पर भी एक चाल आजमाई जाए। उसने लोमड़ी को एक पगडंडी के पास ले जाकर कहा, “अगर तुम वायलिन बजाना सीखना चाहती हो, तो अपने पंजे इस पेड़ की शाखाओं पर रखो।”  

लोमड़ी ने वैसा ही किया, और संगीतकार ने उसके पंजों को शाखाओं से बांध दिया। जब शाखाएं वापस अपनी जगह पर आईं, तो लोमड़ी हवा में झूलने लगी। संगीतकार ने मुस्कुराते हुए कहा, “यहीं रुको, मैं वापस आऊंगा,” और आगे बढ़ गया।

संगीतकार ने तीसरी बार अपनी सारंगी बजाई। इस बार एक छोटा खरगोश दौड़ता हुआ उसकी ओर आया। उसने विनम्रता से कहा, “आप कितनी मधुर धुन बजाते हैं, मुझे भी यह सीखना चाहिए।”

संगीतकार ने उसे एक ऐस्पन पेड़ के पास ले जाकर कहा, “अपनी गर्दन में यह रस्सी बांधो और पेड़ के चारों ओर दौड़ो।”  

खरगोश ने संगीतकार की बात मान ली और बीस चक्कर पूरे कर लिए। संगीतकार ने रस्सी को पेड़ के चारों ओर लपेट दिया, जिससे खरगोश फंस गया।

“जब तक मैं लौटकर न आऊं, यहीं रुको,” संगीतकार ने कहा और अपनी राह पर चल पड़ा।

इसी दौरान, भेड़िये ने खुद को पत्थर से आज़ाद कर लिया। वह गुस्से और बदले की भावना से भरा हुआ संगीतकार की तलाश में निकला। रास्ते में उसने हवा में झूलती लोमड़ी को देखा और उसे आज़ाद कर दिया। लोमड़ी और भेड़िया साथ मिलकर संगीतकार का पीछा करने लगे। थोड़ी ही दूरी पर उन्होंने बंधे हुए खरगोश को देखा और उसे भी मुक्त कर लिया। अब तीनों जानवर संगीतकार से बदला लेने के लिए तैयार थे।

संगीतकार ने अपनी सारंगी को फिर से बजाना शुरू किया। इस बार उसकी मधुर ध्वनि एक गरीब लकड़हारे के कानों तक पहुंची। लकड़हारा अपना काम छोड़कर संगीत सुनने चला आया। संगीतकार ने सोचा, “आखिरकार मुझे सही साथी मिल गया।”  

जब जानवरों ने संगीतकार को घेरने की कोशिश की, तो लकड़हारे ने अपनी चमचमाती कुल्हाड़ी उठाई और संगीतकार के सामने खड़ा हो गया। जानवरों ने लकड़हारे की ताकत देखकर संगीतकार को छोड़ दिया और जंगल में भाग गए। संगीतकार ने कृतज्ञता से लकड़हारे के लिए एक और मधुर धुन बजाई और फिर अपनी यात्रा पर निकल पड़ा।

सीख  

यह कहानी कई महत्वपूर्ण सीख देती है।  

1. सही साथी का चयन: यह जरूरी है कि हम अपने जीवन में ऐसे साथी चुनें, जो न केवल हमारे उद्देश्य को समझें बल्कि हमें हर परिस्थिति में समर्थन दें।  

2. धैर्य और विवेक: संगीतकार ने हर परिस्थिति का सामना धैर्य और चतुराई से किया। उसने मुश्किल समय में भी अपनी बुद्धिमत्ता का प्रयोग किया।  

3. प्रकृति के प्रति जिम्मेदारी: जंगल के जानवरों के प्रति संगीतकार का व्यवहार यह सिखाता है कि हमें दूसरों के साथ अनुचित व्यवहार नहीं करना चाहिए।  

4. सच्ची मित्रता का मूल्य: अंत में लकड़हारे ने दिखाया कि सच्चा साथी वही होता है, जो बिना स्वार्थ के मदद करता है।  

यह कहानी हमें जीवन के कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर विचार करने के लिए प्रेरित करती है। संगीतकार ने अपने अकेलेपन को दूर करने के लिए गलत साथियों पर भरोसा किया, लेकिन अंत में उसे एक सच्चा साथी मिला। यह कहानी हमें अपने जीवन में सच्चे और सहायक लोगों की पहचान करने और उनके साथ चलने की प्रेरणा देती है।

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