तेनालीराम और तीन सवाल की कहानी | Three Questions Tenali Raman Story In Hindi | Teen Prashn Tenaliram Ki Kahani
तेनालीराम की कहानियाँ उनकी हाजिरजवाबी, चतुराई और बुद्धिमत्ता का प्रतीक हैं। उनकी कहानियाँ न केवल मनोरंजन करती हैं, बल्कि हमें जीवन में व्यावहारिक सोच और समझ का महत्व भी सिखाती हैं। आज की इस कहानी में तेनालीराम ने अपनी चतुराई और बुद्धिमत्ता से विजयनगर साम्राज्य की प्रतिष्ठा बचाई, जब एक विदेशी विद्वान ने तीन मुश्किल सवालों की चुनौती दी।
Three Questions Tenali Raman Story In Hindi
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एक दिन विजयनगर के दरबार में एक विदेशी विद्वान आया। वह अत्यंत घमंडी और आत्मविश्वास से भरा हुआ था। उसने राजा कृष्णदेवराय से कहा,
“जहांपनाह, मैंने सुना है कि आपका दरबार विद्वानों और बुद्धिमानों से भरा हुआ है। लेकिन क्या यहां कोई ऐसा है, जो मेरे तीन सवालों का जवाब दे सके?”
राजा ने विद्वान से पूछा, “ये तीन सवाल क्या हैं?”
विद्वान ने कहा, “ये सवाल ऐसे हैं, जिनका जवाब देने के लिए केवल शब्दों की नहीं, बल्कि गहरी बुद्धिमत्ता की जरूरत है। अगर आपके दरबार का कोई व्यक्ति मेरे सवालों का सही उत्तर दे सका, तो मैं आपकी बुद्धिमत्ता को स्वीकार कर लूंगा। लेकिन यदि कोई जवाब नहीं दे सका, तो आपको मुझे अपना खजाना सौंपना होगा।”
राजा ने चुनौती स्वीकार कर ली और कहा, “हमारे दरबार में तेनालीराम हैं, जो हर मुश्किल सवाल का जवाब देने में सक्षम हैं।”
विद्वान ने तेनालीराम को बुलाया और कहा, “मैं तुम्हारे सामने तीन सवाल रखूंगा। अगर तुमने सही जवाब दिया, तो मैं अपनी हार मान लूंगा। लेकिन याद रखना, ये सवाल तुम्हारी बुद्धिमत्ता की असली परीक्षा हैं।”
तेनालीराम मुस्कुराए और बोले, “पूछिए, विद्वान जी। आपके हर सवाल का जवाब मिलेगा।”
विद्वान ने पहला सवाल पूछा, “संसार में सबसे महत्वपूर्ण चीज क्या है?”
दूसरा सवाल था, “संसार में सबसे तेज चीज क्या है?”
और तीसरा सवाल था, “संसार में सबसे मूल्यवान चीज क्या है?”
तेनालीराम ने पहले सवाल का उत्तर देते हुए कहा, “जहांपनाह, संसार में सबसे महत्वपूर्ण चीज ‘ज्ञान’ है। बिना ज्ञान के कोई भी व्यक्ति सही-गलत का निर्णय नहीं ले सकता। एक राजा हो या एक साधारण व्यक्ति, सबके लिए ज्ञान सबसे आवश्यक चीज है।”
विद्वान ने सिर हिलाया, क्योंकि वह तेनालीराम के उत्तर से प्रभावित हुआ।
दूसरे सवाल का जवाब देते हुए तेनालीराम बोले, “विद्वान जी, संसार में सबसे तेज चीज ‘विचार’ है। हमारे विचार पलक झपकते ही एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंच सकते हैं। हम यहाँ बैठकर पूरे ब्रह्मांड की कल्पना कर सकते हैं। कोई घोड़ा, कोई पक्षी या हवा भी विचार की गति से तेज नहीं हो सकती।”
विद्वान ने यह सुनकर गहरी सांस ली। उसे महसूस हो रहा था कि तेनालीराम के जवाब उसके अनुमान से भी बेहतर हैं।
तीसरे सवाल का जवाब देते हुए तेनालीराम ने कहा, “जहांपनाह, संसार में सबसे मूल्यवान चीज ‘समय’ है। समय एक बार बीत जाए, तो उसे दोबारा वापस नहीं लाया जा सकता। धन, संपत्ति, या अन्य कोई चीज खोकर वापस पाई जा सकती है, लेकिन समय को कोई वापस नहीं ला सकता। इसलिए समय ही सबसे मूल्यवान है।”
विद्वान यह सुनकर अवाक रह गया। उसे समझ आ गया कि तेनालीराम न केवल चतुर हैं, बल्कि गहरे विचारशील भी हैं।
विद्वान ने राजा कृष्णदेवराय और दरबारियों के सामने अपनी हार स्वीकार कर ली। उसने कहा, “महाराज, मैं मानता हूं कि आपके दरबार में सचमुच चतुर और विद्वान व्यक्ति हैं। तेनालीराम ने न केवल मेरे सवालों का सही जवाब दिया, बल्कि मुझे भी बहुत कुछ सिखाया।”
राजा ने तेनालीराम की प्रशंसा की और उन्हें पुरस्कार दिया। उन्होंने कहा, “तेनाली, तुम्हारी बुद्धिमत्ता ने न केवल हमारे दरबार की प्रतिष्ठा बचाई, बल्कि हमें यह भी सिखाया कि असली ज्ञान क्या है।”
विद्वान ने वादा किया कि वह विजयनगर साम्राज्य की बुद्धिमत्ता का गुणगान दूर-दूर तक करेगा।
सीख
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि जीवन में ज्ञान, विचार और समय का सबसे अधिक महत्व है। ज्ञान से हम सही निर्णय ले सकते हैं, विचार से हम किसी भी समस्या का हल खोज सकते हैं, और समय का सही उपयोग हमें सफलता की ओर ले जाता है। यह कहानी हमें व्यावहारिकता और समझदारी का महत्व भी सिखाती है।
तेनालीराम ने अपनी चतुराई से न केवल राजा और दरबार की प्रतिष्ठा बचाई, बल्कि यह भी दिखा दिया कि सच्ची बुद्धिमत्ता दिखावे में नहीं, बल्कि सरल और प्रभावी उत्तरों में होती है। उनकी यह कहानी आज भी हमें सोचने और सीखने के लिए प्रेरित करती है।
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