बाघ गधा शेर और घास की कहानी | Tiger Donkey Lion And Grass Story In Hindi




[Tiger Donkey And Grass Story In Hindi, Sher Aur Bagh Ki Kahani, Bagh Gadhe Aur Ghas Ki Kahani]

फ्रेंड्स, बाघ गधा और घास की कहानी (Tiger Donkey And Grass Story In Hindi) हम इस पोस्ट में शेयर कर रहे हैं। Bagh Gadhe Aur Ghas Ki Kahani गधे और बाघ की लड़ाई की कहानी है। दोनों फैसले के लिए शेर के पास जाते हैं। शेर किसके पक्ष में फ़ैसला देता है? जानने के लिए पढ़िए पूरी कहानी:

>

इस वेबसाइट के समस्त आर्टिकल्स/सामग्रियों का कॉपीटाइट website admin के पास है। कृपया बिना अनुमति Youtube या अन्य डिजिटल या प्रिंट मीडिया में इस्तेमाल न करें। अन्यथा कार्यवाही की जावेगी। 

Tiger Donkey And Grass Story In Hindi

Tiger Donkey And Grass Story In Hindi
Donkey Tiger And Grass Story In Hindi



एक दिन की बात है। एक गधा हरे भरे मैदान से घास चरकर लौट रहा था। उसकी मुलाकात बाघ से हो गई। बाघ ने पूछा, “क्यों गधे! हरी हरी घास चर कर आ रहे हो।”

गधा तुनक कर बोला, “घास हरी नहीं नीली होती है।”

“क्या कह रहे हो गधे? घास हरी होती है।” बाघ बिगड़कर बोला।

दोनों में बहस होने लगी। कोई अपनी बात से पीछे हटने को तैयार नहीं था। काफ़ी देर बहस करने के बाद भी परिणाम न निकलता देख कर बाघ बोला, “ऐसा करते हैं जंगल के राजा शेर के पास चलते हैं। वही फैसला करेंगे कि हम दोनों में से कौन सही है और कौन गलत।”

ये भी पढ़ें : छोटी लाल मुर्गी की कहानी

गधा राज़ी हो गया। दोनों शेर के पास पहुंचे। शेर उस समय खा पीकर सोने की तैयारी में था। दोनों को अपने पास आया देखकर शेर ने पूछा, “क्या बात है? इस समय कैसे आना हुआ? और वो भी एक साथ!”

बाघ के कुछ कहने के पहले गधा बोल पड़ा, “वनराज! बाघ कहता है घास हरी होती है, मैं कहता हूं नीली। अब आप ही फ़ैसला करें।”

शेर ने घूरकर बाघ को देखा। बाघ बोला, “वनराज! सब जानते हैं कि घास हरी होती है। ये गधा मूर्ख है।”

शेर बोला, “मूर्ख तुम हो। गधे तुम जाओ। मैं बाघ को एक साल तक मौन रहने की सज़ा देता हूं।”

खुश होकर गधा लौट गया।

ये भी पढ़ें : भेड़िया और बकरी के सात बच्चे कहानी 

दुखी बाघ बोला, “वनराज! घास हरी ही होती है। फिर भी आपने मुझे सज़ा दी।”

शेर बोला, “मैंने तुम्हें इसलिए सज़ा नहीं दी कि घास हरी होती है या नीली। घास तो हरी ही होती है। किसी के नीला कह देने से वो नीली नहीं हो जायेगी। गधा तो मूर्ख और कम अक्ल है। लेकिन तुम तो समझदार हो। फिर भी व्यर्थ की बात में उस मूर्ख से उलझकर अपना समय बर्बाद किया। उसके बाद वो व्यर्थ की बहस मेरे पास लाकर मेरा समय बर्बाद किया। ये सज़ा इसलिए है।”

बाघ ने कान पकड़े कि अब वह मूर्खों के साथ व्यर्थ की बहस में कभी नहीं उलझेगा।

सीख (Tiger Donkey And Grass Story Moral)
मूर्खों के साथ व्यर्थ की बहस में उलझना मूर्खता है।




Donkey Tiger And Grass Story Hindi Video

 

Friends, आपको ये ‘Gadhe Bagh Aur Ghas Ki Kahani In Hindi‘ कैसी लगी? आप अपने comments के द्वारा हमें अवश्य बतायें. ये ‘Donkey Tiger And Grass Story In Hindi With Moral‘ पसंद आने पर Like और Share करें. ऐसी ही और Moral Stories, Motivational Stories & Kids Stories In Hindi पढ़ने के लिए हमें Subscribe कर लें. Thanks.

इन कहानियों को भी अवश्य पढ़ें :

शेर और तीन गाय की कहानी 

शेर और घमंडी बारहसिंगा की कहानी

बाज़ और चूज़े की कहानी 

Leave a Comment