असली शहंशाह : अकबर बीरबल की कहानी | The True King Akbar Birbal Story In Hindi

मित्रों, “The True King Akbar Birbal Story In Hindi” में ईरान के शहंशाह बीरबल की अक्लमंदी की चर्चा सुन अपने देश में आने का न्योता देते हैं. बीरबल जब ईरान पहुँचता है, तब शहंशाह से मिलने के पहले एक अजीब पहेली उसके सामने होती है. क्या थी वो पहेली? क्या बीरबल उस पहेली को सुलझा पाता है? जानने के लिए पढ़िए पूरी कहानी (Hindi Akbar Birbal Story) :

True King Akbar Birbal Story In Hindi

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The True King Akbar Birbal Story In Hindi
The True King Akbar Birbal Story In Hindi | Source : Akbar Birbal PNG

ईरान के शहंशाह ने अकबर (Akbar) के नवरत्न बीरबल (Birbal) की अक्लमंदी की बहुत तारीफ़ें सुनी थी. वह उससे मिलने बड़ा लालायित था. उसने एक संदेश वाहक के हाथों बीरबल को अपने देश आने का निमंत्रण पत्र भिजवाया.

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बीरबल ने वह निमंत्रण स्वीकार कर लिया और कुछ दिनों बाद ईरान के लिए रवाना हो गया. जब वह ईरान पहुँचा, तो सीधे शहंशाह से मिलने उनके राजदरबार गया. लेकिन जैसे ही उसने राजदरबार में प्रवेश किया, वह हैरान रह गया क्योंकि वहाँ एक नहीं, बल्कि ६ शहंशाह बैठे हुए थे. सबकी शक्ल बिल्कुल एक जैसी थी. सबने एक जैसे राजसी कपड़े पहने हुए थे.

वह समझ गया कि ईरान के शहंशाह उसकी परीक्षा लेना चाहते हैं. असली शहंशाह को पहचानने की एक बड़ी चुनौती बीरबल के सामने थी. उसने छहों शहंशाहों को ध्यान से देखा, फिर आगे बढ़ा और एक शहंशाह के सामने जाकर झुककर सलाम किया. वह असली शहंशाह था. उसे अंदाज़ा नहीं था कि इतने हमशक्लों के बीच भी बीरबल उसे पहचान लेगा.

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उसने बीरबल से पूछा, “बीरबल! तुम्हारी अक्लमंदी के बारे में जैसा सुना था, वैसा ही हमने पाया. हमें लगा था कि तुम हमें पहचान नहीं नहीं पाओगे. लेकिन तुमने तो बड़ी ही आसानी से हमें हमारे हमशक्लों के बीच में से पहचान लिया. कैसे?”

“ये तो बड़ा ही आसान था हुज़ूर.” बीरबल मुस्कुराते हुए बोला, ”मैंने गौर किया कि शहंशाह बनकर एक जैसी शक्ल के जो लोग बैठे थे, उनमें से बस आप ही की नज़र सामने की ओर थी. बाकी सभी आपकी ओर देख रहे थे. मुझे समझते देर न लगी कि आप ही असली शहंशाह हैं. आम इंसान को चाहे राजसी कपड़े क्यों न पहना दिए जायें, संबल पाने वह अपने राजा की ओर ही देखता है. वही यहाँ हो रहा था.”

बीरबल का उत्तर सुन ईरान का शहंशाह बहुत ख़ुश हुआ और उसने बीरबल को ढेर सारे उपहार दिए.

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