Hindi Animal Stories Moral Story In Hindi Story For Kids In Hindi

ऊंट और गीदड़ की कहानी | Unt Aur Gidad Ki Kahani In Hindi

ऊंट और गीदड़ की कहानी (Unt Aur Gidad Ki Kahani, The Camel And The Jackal Story In Hindi) कहानियां केवल मनोरंजन का माध्यम नहीं होतीं; वे हमें जीवन के अहम सबक भी सिखाती हैं। ऊंट और गीदड़ की कहानी स्वार्थ और ईमानदारी के बीच संघर्ष को मजेदार तरीके से प्रस्तुत करती है। यह कहानी दिखाती है कि समझदारी और सामंजस्य से बड़े से बड़े लक्ष्य हासिल किए जा सकते हैं।  

Unt Aur Gidad Ki Kahani 

Table of Contents

Unt Aur Gidad Ki Kahani 

एक समय की बात है, एक रेगिस्तान के किनारे ऊंट और गीदड़ रहते थे। ऊंट लंबा, धैर्यवान और मेहनती था। दूसरी ओर, गीदड़ चतुर और थोड़ा स्वार्थी था। एक दिन दोनों को एक रहस्यमय बात का पता चला।  

रेगिस्तान के बीच एक सुनसान जगह पर, किसी ने एक जादुई चश्मा छोड़ दिया था। कहा जाता था कि इस चश्मे से जो भी देखेगा, उसे वह रास्ता दिखेगा, जिससे वह अपने सबसे बड़े सपने को पूरा कर सकता है।  

गीदड़ ने कहा, “मित्र, हमें वह चश्मा ढूंढना चाहिए। यह हमारी जिंदगी बदल देगा।” ऊंट को यह विचार अच्छा लगा, और दोनों ने रेगिस्तान में चश्मे की तलाश शुरू कर दी।  

रास्ता कठिन था। ऊंट आराम से चल रहा था, लेकिन गीदड़ जल्दी थक जाता और बीच-बीच में आराम करने लगता।  

गीदड़ ने सोचा, “अगर चश्मा मुझे पहले मिल गया, तो मैं ऊंट से छिपा लूंगा और उसे इसका फायदा नहीं लेने दूंगा। आखिर, यह मेरा सपना पूरा करने का अवसर है।”  

कई दिन के सफर के बाद, उन्होंने चश्मे को एक रेतीले टीले पर पाया। गीदड़ तुरंत चश्मे की ओर दौड़ा और उसे उठा लिया। उसने ऊंट से कहा, “मित्र, पहले मैं इसे पहनकर देखता हूं। आखिरकार, मैं छोटा हूं और थक गया हूं।”  

ऊंट ने सहमति दी। गीदड़ ने चश्मा पहना और खुशी से उछल पड़ा। उसने देखा कि उसे जंगल के बीच एक जगह पर बहुत सारा स्वादिष्ट खाना दिखाई दे रहा था।  

गीदड़ ने सोचा, “अगर ऊंट को यह चश्मा पहनने दिया, तो वह भी अपनी मंजिल देख लेगा। क्यों न इसे छिपा लिया जाए?” उसने झूठ बोलते हुए कहा, “मित्र, यह चश्मा टूट गया है। इसमें कुछ भी दिखाई नहीं देता। हमें इसे फेंक देना चाहिए।”  

ऊंट को थोड़ा संदेह हुआ, लेकिन उसने गीदड़ की बात मान ली। गीदड़ ने चश्मे को छिपाकर रख लिया और सोचा कि अब वह अकेले ही अपने सपने को पूरा करेगा।  

गीदड़ ने ऊंट से कहा, “मित्र, अब मुझे बहुत भूख लगी है। मैं थोड़ा आसपास घूमकर आता हूं।” ऊंट को गीदड़ की चालाकी का अंदाजा हो गया था। उसने गीदड़ का पीछा करने का निर्णय लिया।  

गीदड़ चश्मे के बताए रास्ते पर चलने लगा। वह जल्दी-जल्दी भाग रहा था, ताकि ऊंट उससे पीछे रह जाए। लेकिन ऊंट की लंबी टांगों के कारण वह आसानी से गीदड़ के साथ बना रहा।  

आखिरकार, गीदड़ एक बड़ी झील के पास पहुंचा। वहां स्वादिष्ट फल, मछलियां, और कई तरह के खाने की चीजें थीं। गीदड़ ने खुशी-खुशी खाना शुरू किया।  

ऊंट ने देखा कि गीदड़ ने चश्मा झूठ बोलकर छिपा लिया था और खुद इसका फायदा उठा रहा था। उसने गीदड़ से कहा, “मित्र, क्या तुमने सचमुच वह चश्मा फेंक दिया था?”  

गीदड़ ने घबराकर कहा, “हां, हां! यह सब तो मैंने अपने नाक से सूंघकर ढूंढा है।”  

ऊंट ने शांत रहते हुए कहा, “यह बहुत अच्छी जगह है। क्यों न हम दोनों मिलकर इसे और बेहतर बनाएं?” गीदड़ को ऊंट की बात में कोई खतरा नहीं लगा। उसने सहमति दे दी।  

ऊंट ने झील के किनारे से कुछ लकड़ियां इकट्ठी कीं और एक जाल बनाया। उसने गीदड़ से कहा, “हम इस जाल से मछलियां पकड़ सकते हैं और ज्यादा खाना इकट्ठा कर सकते हैं।”  

गीदड़ यह देखकर खुश हो गया। वह सोचने लगा कि मछलियां पकड़ने का काम ऊंट करेगा, और वह मजे से खाता रहेगा।  

जैसे ही ऊंट ने जाल से मछलियां पकड़नी शुरू कीं, उसने गीदड़ से कहा, “मित्र, मैं सारी मछलियां तुम्हारे लिए छोड़ता हूं। लेकिन तुम्हें कुछ और लकड़ियां लानी होंगी।”  

गीदड़ लालच में आ गया और झील के पास लकड़ियां ढूंढने चला गया। तभी ऊंट ने झील के बीच जाकर चश्मे को निकाल लिया, जो गीदड़ ने वहीं छिपा दिया था।  

ऊंट ने चश्मा पहनकर देखा, तो उसे रास्ता दिखने लगा, जहां अनगिनत संसाधन और संभावनाएं थीं। 

गीदड़ जब वापस आया, तो उसने देखा कि ऊंट झील के किनारे से जा चुका था। ऊंट अब उस रास्ते पर था, जहां चश्मे ने उसे मार्गदर्शन दिया था। गीदड़ ने महसूस किया कि उसकी चालाकी ने उसे नुकसान पहुंचाया है।  

गीदड़ को अपनी गलती का एहसास हुआ। उसने ऊंट से माफी मांगी और वादा किया कि वह अब किसी से छल-कपट नहीं करेगा। ऊंट ने उसे माफ कर दिया, लेकिन इस बार उसने सुनिश्चित किया कि दोनों समान रूप से काम करें और सफलता को साझा करें।  

सीख

यह कहानी हमें सिखाती है कि स्वार्थ और चालाकी कभी भी स्थायी सफलता नहीं दिला सकते। सहयोग, ईमानदारी और समझदारी से ही बड़ी से बड़ी उपलब्धि हासिल की जा सकती है। साथ ही, यह भी कि हर चालाक व्यक्ति के सामने एक समझदार व्यक्ति होता है, जो सही समय पर सही निर्णय लेता है।

Instagram follow button ऊंट और गीदड़ की कहानी | Unt Aur Gidad Ki Kahani In Hindi

Read More Stories 

कौवा चला हंस की चाल कहानी

चल रे मटके टम्बकू टू कहानी

दो बकरियों की कहानी

फूटा घड़ा कहानी

Leave a Comment