Moral Story In Hindi

वृक्षारोपण पर कहानी | Vriksharopan Par Kahani

Vriksharopan par kahani वृक्षारोपण पर कहानी | Vriksharopan Par Kahani
Written by Editor

वृक्षारोपण पर कहानी (Vriksharopan Par Kahani) इस पोस्ट में शेयर की जा रही है।

Vriksharopan Par Kahani

Table of Contents

Vriksharopan Par Kahani

किसी समय की बात है। एक हरे-भरे गांव में एक परिवार रहता था। यह परिवार प्रकृति से गहरा प्रेम करता था और उसके हर छोटे-बड़े बदलाव को ध्यान से देखता था। गांव के एक किनारे पर एक पुराना सूखा बाग था, जहां अब केवल कुछ सूखी झाड़ियाँ ही बची थीं। यह बाग कभी हरे-भरे पेड़ों और रंग-बिरंगे फूलों से भरा हुआ था, लेकिन अब समय की बेरुखी और देखरेख की कमी से वह बाग नष्ट हो गया था।

एक दिन, परिवार के मुखिया श्रीमान वर्मा ने अपनी पत्नी श्रीमती वर्मा और बच्चों को एक विचार साझा किया। उन्होंने कहा, “हमारे गांव में एक समय सुंदर बाग था, लेकिन अब वह सूख गया है। अगर हम सब मिलकर इस बाग को फिर से हरा-भरा बना दें, तो यह न केवल हमारे गांव की सुंदरता बढ़ाएगा, बल्कि इससे हमें भी ताजगी और खुशी मिलेगी।”

श्रीमती वर्मा और उनके बच्चे, रीना और रोहन इस विचार से पूरी तरह सहमत थे। उन्होंने तुरंत ही योजना बनानी शुरू की कि कैसे वे इस सूखे बाग को पुनर्जीवित कर सकते हैं। सबसे पहले उन्होंने बाग के पुराने झाड़ियों और सूखे पेड़ों को साफ किया। यह काम बहुत कठिन था, लेकिन परिवार ने एकजुट होकर उसे पूरा किया।

साफ-सफाई के बाद श्रीमान वर्मा ने सुझाव दिया कि वे विभिन्न प्रकार के पेड़ और पौधे लगाएं, ताकि बाग में विविधता आ सके। उन्होंने स्थानीय नर्सरी से विभिन्न प्रजातियों के पौधे खरीदे – आम, अमरूद, नींबू, और कई रंग-बिरंगे फूलों के पौधे। हर सदस्य को एक-एक पौधे की जिम्मेदारी दी गई, ताकि वे उसे अपनी देखभाल और प्रेम से बड़ा कर सकें।

वृक्षारोपण का कार्य एक सुबह शुरू हुआ। रीना ने आम के पौधे लगाना शुरू किया, जबकि रोहन ने अमरूद और नींबू के पौधे लगाए। श्रीमती वर्मा ने फूलों के पौधों को सजाया और श्रीमान वर्मा ने पेड़ों को ठीक से गड्ढों में लगाते हुए मिट्टी से अच्छी तरह से ढक दिया। उन्होंने सभी पौधों को अच्छे से पानी दिया और उन्हें धूप में अच्छे से सुखाया।

वृक्षारोपण के बाद परिवार ने नियमित रूप से बाग की देखभाल की। वे पौधों को पानी देते, उनकी फसल पर ध्यान रखते और समय-समय पर खाद डालते। बाग में हरियाली की वापसी धीरे-धीरे शुरू हुई। पहले-पहले छोटे पौधे बढ़ने लगे, और फिर धीरे-धीरे बड़े पेड़ों और सुंदर फूलों से बाग सज गया।

गांव के लोग जब बाग में आए, तो उन्होंने देखा कि यह पहले से कितनी बदल चुकी है। वे श्रीमान वर्मा और उनके परिवार की मेहनत और लगन की सराहना करने लगे। बच्चों ने बाग में खेलना शुरू किया, और गांव के लोग भी बाग में बैठकर बात करने लगे। बाग का सौंदर्य और ताजगी ने सभी को आनंदित कर दिया।

कुछ महीनों बाद बाग ने फल-फूल देना शुरू कर दिया। आम और अमरूद के पेड़ों ने मीठे फल दिए, और फूलों ने रंग-बिरंगे गुच्छे बनाए। गांव में एक नई खुशबू फैल गई और सबकी जिंदगी में एक नई ऊर्जा आ गई। श्रीमान वर्मा के परिवार की मेहनत और समर्पण ने न केवल बाग को पुनर्जीवित किया बल्कि गांव के लोगों की जिंदगी को भी खुशहाल बना दिया।

इस कहानी से हमें यह महत्वपूर्ण सीख मिलती है कि सच्ची मेहनत, समर्पण, और एकजुटता से किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है। वृक्षारोपण केवल पेड़-पौधे लगाने का कार्य नहीं है, बल्कि यह हमारी जिम्मेदारी और पर्यावरण की रक्षा का प्रतीक भी है। एक छोटा सा कदम, जैसे एक पेड़ लगाना, न केवल हमारे जीवन को सुंदर बना सकता है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्थायी विरासत भी छोड़ सकता है।

सीख

इस प्रकार, श्रीमान वर्मा और उनके परिवार की वृक्षारोपण की कहानी हमें यह सिखाती है कि जब हम सब मिलकर किसी कार्य को ईमानदारी और समर्पण से करते हैं, तो हम न केवल अपनी दुनिया को सुंदर बना सकते हैं, बल्कि अपने आस-पास के लोगों के जीवन को भी खुशहाल और समृद्ध बना सकते हैं।

पेड़ और मनुष्य की कहानी

पेड़ और चिड़िया की कहानी

दानी पेड़ की कहानी

बेर के पेड़ की कहानी

ओक का पेड़ और सरकंडा की कहानी 

About the author

Editor

Leave a Comment