Jatak Katha

बुद्धिमान वानर : जातक कथा | Story Of The Monkey King Jatak Tale In Hindi

फ्रेंड्स, इस पोस्ट में हम बुद्धिमान वानरजातक कथा  (Buddhiman Vaanar Jatak Katha) शेयर कर रहे है. यह जातक कथा एक बुद्धिमान वानर की है, जो अपने क्षेत्र में पानी की समस्या से जूझ रहे वानरों को लेकर पानी की तलाश में एक जलाशय पर पहुँचता है. क्या उस जलाशय का जल सुरक्षित था? क्या वानर अपनी प्यास बुझा पाये? जानने के लिए पढ़िये : 

Buddhiman Vaanar Jatak Katha

Buddhiman Vaanar Jatak Katha

Buddhiman Vaanar Jatak Katha

एक वन में वानरों का विशाल समूह रहता था. उनका राजा अत्यंत बुद्धिमान था. एक दिन सभी वानर भोजन की खोज करते-करते एक ऐसे स्थान पर पहुँच गए, जहाँ पानी की उपलब्धता नहीं थी. सभी प्यास से तड़पने लगे. नन्हे वानरों की स्थिति दु:खद थी, जिसे देख उनकी मातायें व्याकुल हुई जा रही थीं.

वानरराज ने कुछ वानरों को निकटवर्ती क्षेत्रों में जल-स्रोत ढूंढने भेजा. कुछ ही दूरी पर पानी से लबालब एक जलाशय था. वानरों द्वारा तत्काल वानरराज को सूचित किया गया. वानरराज ने समूह के सभी वानरों को जलाशय के निकट चलने का आदेश दिया.

जलाशय के समीप पहुँचकर प्यास से बेहाल वानर पानी में कूदने को आतुर हो गए. किंतु, वानरराज ने उन्हें रोक दिया और चेताया, “साथियों, किसी भी नए स्थान पर सचेत रहना चाहिए. यहाँ आतुरता संकट को आमंत्रण दे सकती है. इसलिए अपनी प्यास बुझाने के पूर्व हमें इस स्थल का सूक्ष्म निरीक्षण करना होगा.”

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वानरराज ने अपने अनुचरों को उस स्थान का सूक्ष्म निरीक्षण करने का आदेश दिया. कुछ समय बाद वहाँ उन्हें ऐसे पदचिन्ह दिखाई पड़े, जो जलाशय तक तो जाते थे, किंतु वापस नहीं आते थे. वानरराज समझ गया कि जलाशय में अवश्य किसी दैत्य का निवास है. जब दल के वानरों को जलाशय में दैत्य-वास होने के संबंध में ज्ञात हुआ, तो वे हताश हो गए.

वानरराज ने उन्हें हताश न होकर सब्र से काम लेने कहा और स्वयं उपाय सोचने लगा, जिससे जलाशय तक जाए बगैर पानी पिया जा सके. विचार करते-करते उसकी दृष्टि बेंत के जंगल पर पड़ी और उसके दिमाग में विचार कौंधा कि इन बेंत की नालियों से सुड़क-सुड़ककर पानी पिया जा सकता है. उसने दल के वानरों को वैसा ही करने का निर्देश दिया. सभी वानरों ने वानरराज द्वारा बताये तरीके से अपनी प्यास बुझा ली.

जलाशय के दैत्य की शक्ति जलाशय तक ही सीमित थी, वह वहीं बैठा प्रतीक्षा करता रह गया. सारे वानर पानी पीकर वन लौट गये.

सीख (Moral Of The Story)

मुश्किल समय पर सब्र से काम लेना चाहिए और किसी भी समस्या से हताश न होकर उसके निराकरण हेतु बुद्धि का प्रयोग कर उपाय सोचना चाहिए. 

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