समस्या का समाधान गौतम बुद्ध का प्रेरक प्रसंग | Samasya Ka Samadhan Gautam Buddha Prerak Prasang

समस्या का समाधान गौतम बुद्ध की कहानी, Samasya Ka Samadhan Buddha Motivational Story In Hindi 
Samasya Ka Samadhan Gautam Buddha Motivational Story 

Samasya Ka Samadhan Gautam Buddha Motivational Story 

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एक बार की बात है। भ्रमण करते हुए भगवान गौतम बुद्ध कौशाम्बी पहुंचे। कौशाम्बी की महारानी को गौतम बुद्ध से घृणा  थी। उनके कौशाम्बी आने पर वह उन्हें अपमानित करने के लिए अपने सेवकों को भेजने लगी।

रानी के सेवक गौतम बुद्ध के पास जाते और उन्हें बुरा भला कहते। ये देखकर बुद्ध के शिष्य परेशान हो गए। उन्होंने बुड्ढा से कहा, “तथागत! हमें किसी दूसरी जगह चला जाना चाहिए। इस जगह के लोग हमें व्यर्थ में परेशान कर रहे हैं।”

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गौतम बुद्ध बोले, “यदि वहां भी हमें ऐसे ही लोग मिले, तो?”

“तो हम गिर किसी दूसरी जगह पर चले जायेंगे।” एक शिष्य ने कहा।

“वहां भी वैसे ही लोग मिले तो?” बुद्ध ने फिर से कहा।

“तो फिर कहीं और चले जायेंगे।”

“ऐसा कब तक बंधु? हम जब तक भागते रहेंगे। समस्याएं तो आती रहेंगी। हमें समस्याओं से भागना नहीं चाहिए। उसका समाधान करना चाहिए। समाधान के बिना समस्या जड़ से समाप्त नहीं होती। इसलिए पालयनवादी सोच को छोड़ दो।”

शिष्य समझ गया कि भागने से समस्या नहीं सुलझने वाली। उसने दूसरी जगह जाने का विचार छोड़ दिया।

सीख (Moral Of The Story)

समस्या आने पर उसका सामना करें और उसे जड़ से उखाड़ फेंके।

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