खरगोश और उसके दोस्तों की कहानी | The Rabbit And His Friends Story In Hindi

खरगोश और उसके दोस्तों की कहानी, The Rabbit And His Friends Story In Hindi, Khargosh Aur Uske Doston Ki Kahani इस पोस्ट में शेयर की जा रही है। ये एक खरगोश की कहानी है, जिसे अपने ढेर सारे दोस्तों पर बड़ा गर्व था। क्या मुसीबत के समय ये दोस्त उसके काम आयेंगे? जानने के लिए पढ़िए पूरी कहानी :

The Rabbit And His Friends Story In Hindi

The Rabbit And His Friends Story In Hindi

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एक जंगल में एक खरगोश रहता था। उसके ढेर सारे दोस्त थे। वह उनके साथ खेलता, बातें करता और मौज मस्ती करता। उसके दिन बड़े मज़े से गुज़र रहे थे। वह हमेशा सोचता कि वह कितना खुशनसीब है, जो उसके इतने सारे दोस्त हैं।

एक दिन वह नदी किनारे खेल रहा था। कुछ दूरी पर उसे एक शेर नज़र आया, जो उसकी तरफ बढ़ रहा था। शेर को देखकर वह डर गया। मगर उसने सोचा कि उसके कितने सारे दोस्त हैं। उसे डरने की जरूरत ही क्या है? कोई न कोई उसकी मदद जरूर करेगा।

पास ही उसका दोस्त घोड़ा घास चर रहा था। वह भागकर उसके पास गया और मदद की गुहार लगाई। घोड़ा बोला, “मैं तुम्हारी मदद जरूर करता दोस्त। लेकिन क्या करूं, अभी मुझे अपने मालिक के काम से जाना है।” ये कहकर घोड़ा वहां से भाग गया। 

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खरगोश वहीं एक पेड़ के नीचे आराम कर रहे बैल के पास पहुंचा और बोला, “बैल भाई! एक शेर यहां आ रहा है। तुम अपने नुकीले सींगों से उसे डराकर भगा दो।”

बैल उठकर खड़ा हो गया और बोला, “दोस्त! मैं जरूर उसे भगा देता। मगर मुझे किसान ने खेत में काम करने बुलाया है। नहीं गया, तो मुश्किल हो जाएगी।”

ये कहकर बैल वहां से खिसक गया। खरगोश बकरी के पास पहुंचा और शेर के आने की बात बताकर बोला, “मुझे अपनी पीठ पर बिठाकर यहां से ले चलो बकरी बहन।”

बकरी ने सोचा कि इसे अपनी पीठ पर लादकर मैं क्यों अपना बोझ बढ़ाऊं। मैं अकेले ही भागकर अपनी जान बचाती हूं। वह भी बहाना बनाकर वहां से भाग गई। खरगोश वहीं रह गया। तब तक शेर उसके निकट पहुंच चुका था। 

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अब खरगोश के पास और कोई चारा नहीं बचा था। उसने पूरा ज़ोर लगाया और दौड़ पड़ा। तेज़ी से भागता हुआ वह बहुत दूर निकल गया और अपनी बचा ली। उस दिन उसे समझ आ गया कि ढेर सारे दोस्त होने का कोई मतलब नहीं, जब सब के सब स्वार्थी हो। किसी के भरोसे नहीं रहा जा सकता। अंततः भरोसा खुद पर ही करना होता है।

सीख (The Hare And His Friends Story Hindi Moral)

दूसरों पर भरोसा करने के बजाय खुद पर भरोसा करो।

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