भालू और किसान की कहानी | Bhalu Aur Kisan Ki Kahani 

भालू और किसान की कहानी (Bhalu Aur Kisan Ki Kahani) Bear And Farmer Story In Hindi इस पोस्ट में प्रस्तुत की जा रही है। यह भालू और लालची किसान की कहानी है। किसान फसल में आधा हिस्सा देने की बात कहकर भालू से अपने खेत में काम करवाता है, क्या वह अपना वचन निभाता है? जानने के लिए पढ़िए :

Bhalu Aur Kisan Ki Kahani 

Bhalu Aur Kisan Ki Kahani 

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एक गांव में एक किसान रहता था। वह बहुत लालची था। अपने लालच के कारण अक्सर वह गांव के लोगों को धोखा दिया करता था। धीरे धीरे गांव के लोग उसका स्वभाव अच्छी तरह समझ गए और उससे किनारा कर लिया।

किसान के घर में उसकी पत्नी और दो बच्चे थे। गांव के लोगों द्वारा किनारा कर लेने पर पत्नी ने किसान को बहुत समझाया कि लालच छोड़ दे और दूसरों को अपने फायदे के लिए इस्तेमाल न करे, न ही धोखा दे। लेकिन किसान नहीं माना। तंग आकर किसान की पत्नी बच्चों सहित अपने मायके चली गई। किसान घर पर अकेला रह गया। खेत के काम के साथ ही घर के काम की ज़िम्मेदारी भी उसके सिर पर आ गई।

वह अब भी रोज खेत में जाता और काम करता। लेकिन काम के दोहरे बोझ के कारण उसका काम प्रभावित होने लगा। गांव में कोई उसके साथ काम नहीं करना चाहता था और अकेले काम करना उसके बस में नहीं था। एक दिन उसने सोचा, क्यों न मैं खेत में काम करने के लिए पास ही के जंगल में जाकर किसी जानवर को ले आऊं। उसे थोड़ा बहुत खाना देकर मनमर्जी काम करवा लूंगा।

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अगले दिन वह जंगल गया और एक भालू को अपने खेत में काम करने का प्रस्ताव दिया। भालू ने पूछा कि इसके बदले वह उसे क्या देगा। किसान ने कहा कि वह उसे दो वक्त का भोजन दे देगा। भालू राजी नहीं हुआ। उसने कहा कि उसे दो वक्त के भोजन के साथ ही फसल में भी हिस्सा चाहिए।

किसान ने सोचा कि अभी इसकी बात मान जाता हूं। बाद में कोई ऐसी तरकीब निकाल लूंगा कि इसे फ़सल में कोई हिस्सा न देना पड़े। उसने हामी भर दी। भालू उसके साथ खेत में चला आया।

अगले दिन किसान ने भालू से कहा कि मैं इस बार जो फसल उगाऊंगा, उसका आधा आधा हिस्सा दोनों आपस में बांट लेंगे। ऊपर का हिस्सा तुम ले लेना। मैं नीचे का हिस्सा ले लूंगा। भालू मान गया। 

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किसान ने खेत में आलू उगाए। भालू दिन रात खेत में काम करता रहा। जब फसल हुई, तो किसान ने जड़ में लगे सारे आलू ले लिए और भालू को ऊपर की पत्तियां दे दीं। भालू समझ गया कि किसान ने उसे मूर्ख बनाया है। वह नाराज होकर जंगल जाने लगा। तब किसान ने उसे बहलाकर रोकते हुए कहा कि अगली बार वह उसे नीचे का हिस्सा दे देगा। 

भालू मान गया और जंगल वापस नहीं गया। इस बार भी वह पूरी मेहनत से रात और दिन एक करके काम करता रहा। मगर किसान ने चालाकी दिखाकर इस बार खेत में आलू की नहीं बल्कि गेंहू की फसल बोई थी। जब फसल कटाई का समय आया, तो किसान ने सारे गेहूं ले लिए और भालू को जड़ दे दीं। भालू बहुत नाराज़ हुआ कि किसान ने उसे दोबारा मूर्ख बनाया। इस बार वह किसान के लाख मनाने पर भी नहीं माना और जंगल लौटने लगा।

भालू बहुत दुखी था, क्योंकि इतनी मेहनत के बाद भी उसे कुछ हासिल नहीं हुआ था। गांव के कुछ किसानों ने उसे दुखी देखा, तो कारण पूछने लगे। भालू ने उन्हें सारी बात बता दी। किसान भालू की मेहनत देख चुके थे। उन्होंने उसे अपने खेत में काम दिया और फसल होने पर हिस्सा भी। भालू मेहनती होने के कारण सबका चहेता बन गया।

उधर लालची किसान अकेला होने के कारण खेत में ढंग से काम नहीं कर पाया और उसकी पूरी फसल बर्बाद हो गई। उसने गांव वालों से मदद मांगी, मगर कोई उसकी मदद को न आया, क्योंकि वह सबका विश्वास खो चुका था। वह अपने किए पर पछताता रह गया। 

सीख (Bear And Farmer Story In Hindi Moral)

1. कभी भी लालच और स्वार्थ के कारण दूसरों को धोखा नहीं देना चाहिए। एक बार लोगों का विश्वास उठ जाए, तो उसे फिर से हासिल करना बहुत मुश्किल होता है।

2. सबसे मिलजुल रहना चाहिए और दूसरों की मदद करनी चाहिए। तब ही वक्त पड़ने पर हमें दूसरों की मदद प्राप्त होगी।

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