तंत्र मंत्र अकबर बीरबल की कहानी | Tantra Mantra Akbar Birbal Ki Kahani

तंत्र मंत्र अकबर बीरबल की कहानी, Tantra Mantra Akbar Birbal Ki Kahani, Tantra Mantra Akbar Birbal Story In Hindi में दरबारी बीरबल के खिलाफ अकबर के कान भर देते हैं कि वह तंत्र मंत्र करता है। अकबर बीरबल के साथ क्या करते हैं? जानने के लिए पढ़िए पूरी कहानी : 

Tantra Mantra Akbar Birbal Ki Kahani

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Tantra Mantra Akbar Birbal Ki Kahani

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बीरबल से ईर्ष्या करने वाले दरबारी अक्सर उसके खिलाफ़ बादशाह अकबर के कान भरा करते थे। एक बार एक दरबारी ने अकबर के कान भरते हुए कहा, “जहां पनाह! आजकल बीरबल का ध्यान दरबार के कामकाज की तरफ न होकर तंत्र विद्या की तरफ है। वह कहता है कि तंत्र मंत्र से वो कुछ भी कर सकता है।”

अकबर के दिमाग में यह बात बैठ गई। उसने दरबारी को अपनी अंगूठी छुपाकर रखने के लिए दी और कहा, “आज बीरबल के तंत्र मंत्र की परीक्षा लेते हैं।”

जब बीरबल दरबार में आया, तो अकबर ने कहा, “क्यों बीरबल, सुना आजकल तुम तंत्र मंत्र में पारंगत हो गए हो और तंत्रों द्वारा कुछ भी कर सकते हो।”

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बीरबल चौंक पड़ा। फिर समझ गया कि किसी दरबारी ने अकबर के कान भरें हैं।

अकबर आगे बोले, “हमारी अंगूठी कहीं खो गई है। ज़रा अपने तंत्र मंत्र का कमाल दिखाओ और पता लगाओ कि अंगूठी कहां है।”

बीरबल ने कहा, “जैसा आपका हुक्म जहां पनाह!” और वह एक कागज़ पर आड़ी तिरछी रेखाएं खींचने लगा। 

“ये क्या कर रहे हो बीरबल?” अकबर ने हैरान होकर पूछा।

“जहां पनाह! आप इस कागज़ पर अपना हाथ रख दें। अंगूठी जहां भी होगी, अपने आप आपकी अंगुली में आ जाएगी।”

अकबर ने कागज पर अपना हाथ रख दिया। बीरबल ने कुछ चांवल मंगवाया और मंत्र बुदबुदाते हुए चांवल दरबारियों पर फेंकने लगा। जिस दरबारी को अकबर ने अंगूठी दी थी, जब चांवल के दाने उस पर गिरे, तो वह डर गया और जेब के अंदर रखी अंगूठी हाथ से कसकर दबा ली, ताकि वह उसकी जेब से निकल कर बादशाह अकबर की अंगुली में न चली जाए। 

बीरबल सारे दरबारियों की गतिविधियों को ध्यान से देख रहा था। उसकी नजर उस दरबारी पर भी पड़ गई और वह समझ गया कि उसके पास ही बादशाह अकबर की अंगूठी है।

उसने अकबर से कहा, “जहां पनाह! आपकी अंगूठी तो मिल गई है। बस किसी ने उसे कसकर जकड़ रखा है। इसलिए आपकी अंगुली में नहीं आ पाई हैं।”

अकबर बीरबल का पैंतरा समझ गए। उन्होंने उस दरबारी को इशारा किया और उसने अंगूठी अकबर को लाकर दे दी।

अकबर ने बीरबल की अक्लमंदी से खुश होकर वह अंगूठी उसे इनाम में दे दी। 

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