Motivational Story In Hindi

खुद पर विश्वास रखो प्रेरक प्रसंग | Believe In Yourself Motivational Story In Hindi

Believe In Yourself
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फ्रेंड्स, खुद पर विश्वास रखो प्रेरक प्रसंग (Believe In Yourself Motivational Story In Hindi) इस पोस्ट में हम शेयर कर रहे हैं। ये Khud Par Vishwas Ki Kahani जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए खुद पर विश्वास करने का मंत्र देती है। पढ़िए :

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Believe In Yourself Story In Hindi

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Believe In Yourself

नदी पार घने जंगलों में एक साधु आश्रम बनाकर रहता था। वह पानी पर चलने की सिद्धि प्राप्त करने का यत्न कर रहा था। इसलिए प्रतिदिन सुबह से शाम तक तपस्या में लीन रहता।

गांव में रहने वाला एक दूधवाला रोज़ एक छोटे मटके में दूध भरकर उसे पहुंचा आता। साधु अन्न ग्रहण नहीं करता था। वह केवल दूध का सेवन करता था।

साधु को दूध पहुंचाने दूधवाले को रोज़ नदी पार करनी पड़ती थी। लेकिन वह बिना नागा रोज़ नियत समय पर आश्रम पहुंच जाता था।

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एक बार उसे किसी काम से दूसरे गांव जाना पड़ा। उसने अपनी बेटी को साधु को दूध पहुंचाने की जिम्मेदारी सौंप दी।

लड़की एक दिन साधु को दूध पहुंचा आई। अगले दिन तेज़ बारिश हो रही थी। जब वह दूध लेकर जाने को हुई, तो उसकी मां ने उसे ये कहते हुए रोक दिया कि ऐसी घनघोर बरसात में नदी पार करना ठीक नहीं। लड़की नहीं गई।

बारिश थमी, तब तक शाम हो चुकी थी। वह दूध लेकर साधु के आश्रम पहुंची। उसने देर से आने के लिए साधु से क्षमा मांगी। तब साधु ने उसे एक मंत्र देकर कहा – “इस मंत्र के द्वारा वह पानी पर चलकर उसके पास आ सकती है।”

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साधु इस मंत्र को कई दिनों से स्वयं आज़माना चाहता था। किंतु उसे मंत्र पर पूरा विश्वास नहीं था। लड़की ने मंत्र लिया और चली गई।

उस रात मूसलाधार बारिश हुई और नदी उफान पर आ गई। अगले दिन लड़की की मां ने उसे फिर जाने से रोका, तब लड़की ने साधु के दिए मंत्र के बारे में उन्हें बताया।

उस दिन मंत्र का जाप करते हुए उसने नदी पार कर ली। साधु के पास जब वह पहुंची, तो उन्हें धन्यवाद देकर बोली, “गुरुदेव! आपके मंत्र द्वारा आज मैं नदी पर चलकर सही समय पर आपके पास पहुंच सकी। आपका धन्यवाद!”

साधु चकित रह गया। उसे विश्वास ही नहीं था कि मंत्र काम कर जायेगा। वह लड़की के पीछे-पीछे आश्रम से बाहर आया। 

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उसने नदी किनारे खड़े होकर देखा कि लड़की पानी पर चलते हुए जा रही है। वह खुश हो गया कि वर्षों से पानी पर चलने की सिद्धि प्राप्त करने का उसका मनोरथ पूरा हो गया।

मंत्र जपते हुए उसने नदी के पानी में पैर रखा, फिर खींच लिया। उसे पानी में उतरते डर लगा कि यदि मंत्र ने काम न किया, तो क्या होगा।

लेकिन जब उसने लड़की को नदी के पार सही सलामत पहुंचे देखा, तो डरते-डरते किसी प्रकार नदी के पानी में उतर गया। लेकिन थोड़ी ही देर में वह डूब गया।

ऐसा क्यों हुआ?

इसका कारण है विश्वास! साधु को इस बात का विश्वास ही नहीं था कि वह पानी पर चल सकेगा। वहीं लड़की को पूरा विश्वास था। इसी विश्वास के कारण वो नदी पार कर गई और संदेहों से घिरा साधु नदी में डूब गया।

सीख (Believe In Yourself Story Moral)

किसी भी काम में सफ़ल होना है, तो अपने हुनर के साथ ही अपनी सफ़लता पर भी विश्वास करना होगा। जिसे अपनी सफ़लता पर भरोसा ही नहीं! न वह पूरी लगन के साथ काम कर पाएगा, न पूरी मेहनत से। ऐसे में वह सफ़ल कैसे होगा? इसलिए विश्वास की शक्ति का महत्व कम न आंकें। ये विश्वास की शक्ति ही है कि लोगों ने ऊंचे-ऊंचे पर्वत डिगा डाले। खुद पर विश्वास रखें, अपनी सफ़लता पर विश्वास रखें।

 

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