हाथी और रस्सी की कहानी | Elephant And The Rope Story In Hindi

फ्रेंड्स, इस पोस्ट में हम हाथी और रस्सी की कहानी (Elephant And The Rope Story In Hindi) कहानी शेयर कर रहे हैं. Hathi Aur Rassi Ki Kahani एक हिंदी प्रेरणादायक कहानी (Hindi Motivational Story) है, जिसमें एक रस्सी से बंधे हाथी का उदाहारण देकर अपना नज़रिया और सोच बदलने सीख दी गई है. यदि आप नकारात्मक सोच और नज़रिये की बेड़ियों में बंधे हैं, तो पढ़िए ये प्रेरणादायक कहानी (Positive Thinking And Negative Thinking Story In Hindi), जो आपकी सोच और नज़रिये को बदल देगी. 

Elephant And The Rope Story In Hindi

Elephant And The Rope Story In Hindi
Elephant And The Rope Story In Hindi

एक दिन एक व्यक्ति सर्कस देखने गया. वहाँ जब वह हाथियों के बाड़े के पास से गुजरा, तो एक ऐसा दृश्य देखा कि वह हैरान रह गया. उसने देखा कि कुछ विशालकाय हाथियों को मात्र उनके सामने के पैर में रस्सी बांधकर रखा गया है. उसने सोच रखा था कि हाथियों को अवश्य बड़े पिंजरों में बंद कर रखा जाता होगा या फिर जंजीरों से बांधकर. लेकिन वहाँ का दृश्य तो बिल्कुल उलट था.

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उसने महावत से पूछा, “भाई! आप लोगों ने इन हाथियों को बस रस्सी के सहारे बांधकर रखा है, वो भी उनके सामने के पैर को. ये तो इस रस्सी को तो बड़े ही आराम से तोड़ सकते हैं. मैं हैरान हूँ कि ये इसे तोड़ क्यों नहीं रहे?”

महावत ने उसे बताया, “ये हाथी जब छोटे थे, तब से ही हम उसे इतनी ही मोटी रस्सी से बांधते आ रहे हैं. उस समय इन्होंने रस्सी तोड़ने की बहुत कोशिश की. लेकिन ये छोटे थे. इसलिए रस्सी को तोड़ पाना इनके सामर्थ्य के बाहर था. वे रस्सी तोड़ नहीं पाए और ये मान लिया कि रस्सी इतनी मजबूत है कि वे उसे नहीं तोड़ सकते. आज भी इनकी वही सोच बरक़रार है. इन्हें आज भी लगता है कि ये रस्सी नहीं तोड़ पाएंगे. इसलिए ये प्रयास भी नहीं करते.”

यह सुनकर वह व्यक्ति अवाक् रह गया.

सीख (Life Lesson)

“दोस्तों, उन हाथियों की तरह हम भी अपने जीवन में नकारात्मक सोच रुपी रस्सी से बंध जाते हैं. जीवन में किसी काम में प्राप्त हुई असफ़लता को हम मष्तिष्क में बिठा लेते हैं और यकीन करने लगते हैं कि एक बार किसी काम में असफ़ल होने के बाद उसमें कभी सफ़लता प्राप्त नहीं होगी. इस नकारात्मक सोच के कारण हम कभी प्रयास ही नहीं करते.

आवश्यकता है इस नकारात्मक सोच से बाहर निकलने की; उन कमियों को पहचानकर दूर करने की, जो हमारी असफ़लता का कारण बनी. नकारात्मक सोच हमारी सफ़लता में सबसे बड़ी बाधक है. इसलिए नकारात्मक सोच रुपी जंजीर को तोड़ कर सकारात्मक सोच को अपनायें और जीवन में प्रयास करना कभी न छोड़ें, क्योंकि प्रयास करना सफ़लता की दिशा में कदम बढ़ाना है.”

Elephant And The Rope Story In Hindi Video


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