सिक्कों की खनक : मुल्ला नसरुद्दीन की कहानी | Sikko Ki Khanak Mulla Nasruddin Kahani

फ्रेंड्स, इस पोस्ट में हम “सिक्कों की खनक” मुल्ला नसरुद्दीन की कहानी (Sikko Ki Khanak Mulla Nasruddin Kahani) शेयर कर रहे हैं. इस कहानी में बताया गया है कि कैसे मुल्ला नसरुद्दीन एक गरीब भिखारी को इंसाफ दिलाता है. 

Sikko Ki Khanak Mulla Nasruddin Kahani

Sikko Ki Khanak Mulla Nasruddin Ki Kahani
Sikko Ki Khanak Mulla Nasruddin Ki Kahani

पढ़ें मुल्ला नसरुद्दीन की कहानियों का संग्रह

एक दिन की बात है. मुल्ला नसरुद्दीन अपने गाँव के बाज़ार में घूम रहा था. उसका कबाब खाने का मन हुआ और वो कबाब की एक दुकान पर पहुँचा. वहाँ उसने देखा कि ढेर सारे लोग एक भिखारी को घेरकर खड़े हुए हैं. भिखारी हाथ जोड़े, सिर झुकाए, घुटनों के बल बैठा हुआ कबाब वाले के सामने गिड़गिड़ा रहा है.

>

यह नज़ारा देख मुल्ला नसरुद्दीन हैरान हुआ. उसने कबाब वाले से पूछा, “क्या हुआ जनाब! इस तरह यहाँ भीड़ क्यों लगी है? और इस शख्स ने क्या किया है? ये इस तरह क्यों गिड़गिड़ा रहा है?”

कबाब वाला बोला, “कुछ देर पहले ये भिखारी मेरे पास आया और इसने मुझसे मेरे चूल्हे पर अपने साथ लायी रोटी सेंकने की इज़ाज़त मांगी. मैंने इज़ाज़त दे दी. लेकिन इसने मेरे चूल्हे की जगह मेरे तवे पर रोटी सेकी. उस तवे पर कुछ देर पहले मैंने कबाब बनाया था. इस कारण कबाब की खुशबू इस भिखारी की रोटी में चली गई. मैं उस खुशबू के पैसे मांग रहा हूँ. ये दे नहीं रहा.”

सारी बात जानने के बाद मुल्ला भिखारी से बोला, “क्यों तुम्हें पता नहीं है कि हर चीज़ का मोल होता है. जब भी दूसरों की वस्तुयें इस्तेमाल की जाये, तो उसका मोल चुकाना पड़ता है. तुम्हें भी चुकाना पड़ेगा.”

पढ़ें : मुल्ला नसरुद्दीन की हाज़िरजवाबी का किस्सा 

मुल्ला की बात सुनकर कबाब वाला बहुत ख़ुश हुआ.  भिखारी यह बात सुनकर अपने कुर्ते की जेब टटोलने लगा. उसकी जेब में कुछ सिक्के पड़े थे, जो उसकी दिन भर की कमाई थे.

उसने वे सारे सिक्के निकाले और कबाब वाले की ओर बढ़ाने लगा. तब मुल्ला ने उसके हाथ से सिक्के ले लिये और बोला, “तुम्हारी तरफ से मैं इन्हें ये सिक्के दे देता हूँ.”

भिखारी ने सारे सिक्के मुल्ला के हाथ में दे दिये. मुल्ला उस सिक्कों को कबाब वाले के कान के पास ले गया और खनखनाने लगा. उन सिक्को की खनक सुनने के बाद कबाब वाला बोला, “अब ज़रा मुझे ये सिक्के हाथ में लेने दो.”

“नहीं जनाब! इस भिखारी ने आपके कबाब की खुशबू ली थी, उसे खाया नहीं था. इसलिए आप भी सिक्कों की खनखनाहट सुनिए, उसे लेने का हक आपको नहीं है.”

यह कहकर मुल्ला ने सिक्के वापस भिखारी के हाथ में दे दिए. कबाब वाले का मुँह उतर गया था. भीड़ मुल्ला की तारीफ़ करते हुए वहाँ से छंट गई.

 दोस्तों, आशा है आपको ये “Sikko Ki Khanak Mulla Nasruddin Kahani“ पसंद आयी होगी. आप इसे Like कर सकते हैं और अपने Friends के साथ Share भी कर सकते हैं. मज़ेदार “Mulla Nasruddin Stories In Hindi” पढ़ने के लिए हमें Subscribe ज़रूर कीजिये. Thanks.  

Read More Stories In Hindi : 

अकबर बीरबल की सर्वश्रेष्ठ कहानियाँ     

तेनालीराम की सर्वश्रेष्ठ कहानियाँ 

शेख चिल्ली की सर्वश्रेष्ठ कहानियाँ  

Leave a Comment