पेड़ों और शेरों की कहानी | The Trees And The Lions Story In Hindi

फ्रेंड्स, इस पोस्ट में हम पेड़ों और शेरों की कहानी (The Trees And The Lions Story In Hindi) शेयर कर रहे हैं। ये कहानी जंगल और उसमें रहने वाले शेरों की है। पढ़िये जानवर बचाने और जंगल बचाने की ये कहानी :

The Trees And The Lions Story In Hindi

The Trees And The Lions Story In Hindi
The Trees And The Lions Story In Hindi

एक गाँव के किनारे एक हरा-भरा जंगल था। उस जंगल में हजारों पेड़ थे। उनमें से दो पेड़ गहरे दोस्त थे, जो एक दूसरे के अगल-बगल उगे थे।

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उस जंगल में कई शेर भी रहा करते थे। वे अन्य छोटे जंगली जानवरों का शिकार करते, उन्हें पेट भरते तक खाते और बचा हुआ मांस यूं ही छोड़कर चले जाते। सड़े हुए मांस के कारण जंगल में काफ़ी बदबू फैलती थी और जंगल की हवा प्रदूषित होती थी।

एक दिन दोनों पेड़ इसी विषय पर चर्चा कर रहे थे।

एक पेड़ बोला, “इन शेरों के कारण पूरे जंगल की हवा प्रदूषित हो गई है। यहाँ हर समय कितनी बदबू फैली रहती है। इन शेरों को तो खदेड़ कर जंगल से बाहर कर देना चाहिए।”

दूसरे पेड़ ने हाँ में हाँ मिलाते हुए कहा, “बिल्कुल सही कहा दोस्त! हम सब इन शेरों से परेशान है। इन्हें भगाने के लिए हमें कुछ करना चाहिए।”

दोनों पेड़ों की बातें एक बूढ़ा और बुद्धिमान पेड़ सुन रहा था। वह कहने लगा, “तुम दोनों की बातें मूर्खतापूर्ण है। ये तो सोचो कि इन शेरों के कारण हम सुरक्षित है। इनके डर से कोई लकड़हारा इस जंगल में लकड़ियाँ काटने नहीं आता। शेर चले गए, तो हम भी कुछ दिनों के मेहमान होंगे।”

बूढ़े पेड़ कि सलाह पर दोनों पेड़ों ने कोई ध्यान नहीं दिया। वे बस किसी तरह शेरों को जंगल से भागना चाहते थे। उन्होंने सोचा कि क्यों न किसी तरह शेरों को डराया जाये, ताकि वे जंगल छोड़कर भाग जायें।

उसके बाद आपस में सलाह करके दोनों तेज आवाज के साथ अपने स्थान में हिलने लगे। उन्हें हवा का भी साथ मिला। उनकी शाखायें ज़ोर-ज़ोर से हिल रही थीं। जंगल के जानवरों ने जब ये देखा, तो डर गये। उन्हें लगा कि ज़रूर जंगल में कुछ होने वाला है और इन दो पेड़ों का इस तरह हिलना इसी का संकेत है। वे सब जंगल छोड़कर जाने लगे। शेरों ने भी जंगल छोड़ दिया।

ये देखकर दोनों पेड़ बहुत खुश हुए और कहने लगे कि अब जंगल में शुद्ध हवा बहेगी और हम शुद्ध वातावरण में रहेंगे।

बुद्धिमान बूढ़े पेड़ ने लगा, “अब हम सबका अंत आने वाला है।”

दोनों पेड़ों ने बूढ़े पेड़ की बात हँसी में उड़ा दी और अपने मजे में लगे रहे। वे खुशी से फूले नहीं समा रहे थे। लेकिन उनकी खुशी कुछ दिनों तक ही रही।

जैसे ही गाँव में बात फैली कि शेर जंगल छोड़कर चले गए हैं, कुछ लकड़हारे कुल्हाड़ी लेकर जंगल पहुँच गये। अब उन्हें शेरों का कोई डर नहीं था। वे बिना किसी डर के पेड़ों को काटने लगे।

ये देख दोनों पेड़ बहुत डर गए और सोचने लगे कि उन्हें बूढ़े पेड़ की बात मान लेनी चाहिए थी। मगर अब वे कुछ नहीं कर सकते थे। कुछ दिनों बाद उनकी बारी भी आ गई और वे काट दिए गये।

सीख (Moral of the story)

  1. बिना सोचे-समझे कोई कार्य नहीं करना चाहिए। किसी भी कार्य को करने के पूर्व परिणाम के बारे में अवश्य विचार करना चाहिए।
  2. यदि कोई बुद्धिमान परामर्श दे, तो उसे ध्यान से सुनकर उस पर गहनता से विचार करना चाहिए।

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