इस लेख में पढ़ें – The Jackal And The Drum Story In Hindi, Siyar Aur Dhol Ki Kahani, The Foolish Jackal Story In Hindi, Murkh Siyar Ki Kahani
इस पोस्ट हम सियार और ढोल पंचतंत्र की कहानी (The Jackal And The Drum Story In Hindi) शेयर कर रहे हैं. Siyar Aur Dhol Ki Kahani कहानी पंचतंत्र के तंत्र मित्रभेद से ली गई है. कहानी अनुसार एक सियार को जंगल में एक ढोल दिखाई पड़ता है और वह उसे कोई जीव समझ लेता है. उसके बाद क्या होता है? यह जानने के लिए पढ़िए (The Foolish Jackal Story In Hindi) :
The Jackal And The Drum Story In Hindi Panchtantra
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एक समय की बात है. जंगल के किनारे दो राजाओं में मध्य घमासान युद्ध हुआ. इस युद्ध में एक राजा विजयी हुआ, एक पराजित. विजयी राजा के सिपाही और साथ गए भांड व चारण रात भर ढोल पीटकर उत्सव मनाते रहे और वीरगीत गाते रहे.
सुबह-सुबह तेज आंधी आयी और उस आंधी में सिपाहियों का एक ढोल (Drum) लुड़ककर दूर चला गया और एक पेड़ से जाकर टिक गया.
आंधी थमने के उपरांत राजा और उसके सिपाही अपने राज्य की ओर प्रस्थान कर गये. ढोल वहीं जंगल में पड़ा रह गया.
ढोल जिस पेड़ से टिका पड़ा हुआ था, उसकी सूखी टहनियाँ तेज हवा चलने पर ढोल से टकराती और ढोल बज उठता. उसकी “ढमाढम” की आवाज पूरे जंगल में गूंज उठती.
एक भूखा सियार (Jackal) शिकार की तलाश में उस स्थान से गुजरा, जहाँ ढोल पड़ा हुआ था. ठीक उसी समय तेज हवा चली और पेड़ की सूखी टहनियाँ हिलते हुए ढोल से टकराई. ढोल “ढमाढम” करता बज उठा.
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ढोल की आवाज़ सुनकर सियार डर गया. उसने पहले कभी इस तरह की आवाज़ नहीं सुनी थी. वह सोचने लगा कि ये कैसा विचित्र स्वर वाला जीव है.
वह वहाँ से भागने ही वाला था कि उसके दिमाग में एक विचार कौंधा, “ किसी बात की गहराई में जाए बिना डर कर भागना उचित नहीं. मुझे इस विचित्र जीव के निकट जाकर पता करना चाहये कि वास्तव में ये कितना बलशाली है.”
वह धीरे-धीरे ढोल के निकट पहुँचा. वहाँ उसने देखा कि पेड़ की टहनियाँ ढोल पर चोट कर रही हैं और उसमें से आवाज़ आ रही है. सियार ने अपनी बुद्धि दौड़ाई और इस नतीज़े पर पहुँचा कि ये तो एक निरीह प्राणी है. पेड़ की शाखाओं की मार से कराह रहा है. वह स्वयं भी ढोल पर चोट करने लगा और ढोल बज उठा.
ढोल का स्पर्श करने के उपरांत सियार ने सोचा कि इन जीव का शरीर विशाल और मांसल है. अवश्य इसमें खूब चर्बी, मांस और रक्त होगा. इसे खाकर तो मैं कई दिनों तक अपनी भूख मिटा सकता हूँ.
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उसने ढोल के मोटे चमड़े के बाहरी आवरण पर अपने दांत गड़ा दिए. वह चमड़ा कठोर था. उसे काटने के प्रयास में सियार के सामने के दो दांत टूट गए.
लेकिन अपनी ज़ोरों की भूख शांत करने के लिए वह डटा रहा और किसी प्रकार ढोल में छेदकर उसमें घुस गया. ढोल अंदर से खाली था. उसमें मांस-रक्त-मज्जा ना पाकर सियार बड़ा निराश हुआ. उसकी मेहनत व्यर्थ गई.
सीख (The Jackal And The Drum Story Moral)
जैसे ढोल बाहर से विशाल और अंदर से खोखला था. वैसे ही अपने मुँह से स्वयं की बढ़-चढ़कर बड़ाई करने और शेखी बघारने वाले वास्तव में ढोल की तरह की खोखले होते हैं. इसलिए किसी के बाहरी आवरण और दिखावे से उसके प्रभाव में नहीं आना चाहिए. वास्तविकता का ज्ञान किसी चीज़ को भली-भांति जानने के बाद ही होता है.
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