शेर और चूहा की कहानी (The Lion And The Mouse Story In Hindi With Moral) नैतिक शिक्षा वाली प्रेरणादायक कहानी बच्चों और बड़ों के लिए
दुनिया में अक्सर ताकत को ही सबसे बड़ा गुण माना जाता है। लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि छोटी-सी मदद भी बड़े संकट में काम आ सकती है? क्या एक कमजोर प्राणी किसी शक्तिशाली को बचा सकता है?
“शेर और चूहे की यह कालजयी कहानी” केवल बच्चों के लिए ही नहीं, बल्कि बड़ों के लिए भी उतनी ही सार्थक है। यह कहानी हमें न केवल धैर्य, कृतज्ञता और आपसी सहयोग का पाठ पढ़ाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि कोई भी व्यक्ति इतना छोटा नहीं होता कि उसकी मदद मायने न रखे।
The Lion And The Mouse Story In Hindi
Table of Contents
जंगल के घने और हरे-भरे वन में एक विशाल शेर रहता था, जिसे सभी जानवर “सिंहराज” के नाम से जानते थे। उसकी दहाड़ इतनी भयंकर थी कि पेड़ों के पत्ते तक कांप उठते थे। जंगल का हर प्राणी उसका सम्मान करता था, और कोई भी उससे उलझने की हिम्मत नहीं करता था। सिंहराज का शरीर बलिष्ठ था, उसकी आंखें आग की तरह चमकती थीं, और उसका रुतबा ऐसा था कि वह जहां जाता, वहां सन्नाटा छा जाता। लेकिन, जैसा कि हर कहानी में होता है, इस कहानी में भी एक छोटा-सा पात्र है, जिसका नाम था चीकू—एक नन्हा, चंचल और तेज-तर्रार चूहा।
एक दोपहर, जब सूरज अपनी पूरी ताकत से चमक रहा था, सिंहराज अपनी पसंदीदा जगह—एक विशाल बरगद के पेड़ की छांव में—लेटकर आराम कर रहा था। उसका पेट शिकार से भरा हुआ था, और वह गहरी नींद में डूबा हुआ था। उसकी सांसें भारी थीं, और उसका खर्राटा जंगल में गूंज रहा था। उसी समय, चीकू, जो हमेशा नई-नई जगहों की खोज में रहता था, उस बरगद के पेड़ के पास पहुंचा। चीकू की आंखें उत्साह से चमक रही थीं, क्योंकि उसे पेड़ की जड़ों के पास कुछ अनाज के दाने दिखे थे।
चीकू ने सोचा, “यह तो मेरे लिए दावत है!” वह तेजी से दानों की ओर बढ़ा और उन्हें इकट्ठा करने लगा। लेकिन, उसका उत्साह उसे इतना बेकाबू कर गया कि वह भूल गया कि वह कहां है। अनजाने में, वह सिंहराज की पूंछ के पास पहुंच गया और गलती से उसकी पूंछ पर चढ़ गया। चीकू की छोटी-सी हरकत ने सिंहराज की नींद में खलल डाल दिया। अचानक, सिंहराज की आंखें खुलीं, और उसने एक जोरदार दहाड़ मारी।
“कौन है, जो मेरी नींद खराब करने की हिम्मत करता है?” सिंहराज ने गुस्से में कहा, और उसने अपने विशाल पंजे से चीकू को दबोच लिया।
चीकू डर के मारे कांपने लगा। उसकी छोटी-सी जान निकलने को थी। उसने कांपती आवाज में कहा, “महा… महाराज, म… मुझे माफ करें! मैं बस एक छोटा-सा चूहा हूं। मैंने जानबूझकर आपकी नींद नहीं तोड़ी। मैं तो बस अनाज के दाने ढूंढ रहा था।”
सिंहराज ने चीकू को गौर से देखा। उसका गुस्सा अभी भी कम नहीं हुआ था, लेकिन चीकू की मासूमियत और उसकी कांपती आवाज देखकर उसे हंसी आ गई। उसने सोचा, “इस छोटे-से प्राणी को मारने से क्या फायदा? यह तो मेरे लिए कोई खतरा नहीं है।”
“ठीक है,” सिंहराज ने गरजते हुए कहा, “मैं तुम्हें इस बार छोड़ देता हूं, लेकिन फिर कभी मेरे आसपास दिखाई मत देना।”
चीकू ने राहत की सांस ली और तेजी से भागकर अपनी बिल में छिप गया। लेकिन, उसका छोटा-सा दिल कृतज्ञता से भर गया। उसने मन ही मन कसम खाई कि वह एक दिन सिंहराज की इस दया का बदला जरूर चुकाएगा।
कई महीने बीत गए। चीकू अब पहले से ज्यादा सतर्क रहता था। वह सिंहराज के इलाके में जाने से बचता था, लेकिन वह उसे दूर से देखकर उसकी ताकत और रुतबे की प्रशंसा करता था। दूसरी ओर, सिंहराज अपनी जिंदगी में मस्त था। वह जंगल का निर्विवाद राजा था, और उसे किसी की मदद की जरूरत नहीं थी—या ऐसा वह समझता था।
लेकिन, एक दिन, जंगल में कुछ अप्रत्याशित हुआ। कुछ शिकारियों ने जंगल में प्रवेश किया। ये शिकारी बहुत चालाक थे और उन्होंने जंगल के राजा को पकड़ने की योजना बनाई। उन्होंने एक मजबूत जाल बिछाया, जो इतना चतुराई से छिपाया गया था कि कोई भी उसे आसानी से नहीं देख सकता था।
उस दिन, सिंहराज अपने रोजमर्रा के शिकार पर निकला था। वह एक हिरण का पीछा कर रहा था, और अपनी पूरी ताकत और गति से दौड़ रहा था। लेकिन, बदकिस्मती से, वह शिकारियों के जाल में फंस गया। जाल ने उसे चारों ओर से जकड़ लिया, और वह जितना छटपटाता, जाल उतना ही उसे कसता जाता।
सिंहराज ने पूरी ताकत से दहाड़ मारी, लेकिन उसकी आवाज में अब गुस्सा नहीं, बल्कि दर्द और बेबसी थी। उसने जाल को फाड़ने की कोशिश की, लेकिन वह जाल इतना मजबूत था कि उसके पंजे और दांत भी बेकार हो गए। थककर, वह हांफने लगा और निराशा में अपनी आंखें बंद कर लीं।
उसी समय, चीकू अपने बिल से बाहर निकला था। वह अनाज की तलाश में इधर-उधर घूम रहा था, जब उसने सिंहराज की दर्दभरी दहाड़ सुनी। चीकू का दिल जोर से धड़कने लगा। वह समझ गया कि कुछ गलत हुआ है। अपनी जान की परवाह न करते हुए, वह उस दिशा में दौड़ा, जिधर से आवाज आ रही थी।
जब चीकू वहां पहुंचा, तो उसने देखा कि उसका उद्धारक, सिंहराज, एक जाल में बुरी तरह फंसा हुआ है। चीकू की आंखें आश्चर्य और दुख से भर गईं। उसने तुरंत फैसला किया कि यह वही मौका है, जब वह सिंहराज की दया का बदला चुका सकता है।
चीकू ने अपनी छोटी-सी नाक को हवा में उठाया और जाल की जांच की। उसने देखा कि जाल रस्सियों से बना था, और अगर रस्सियों को काट दिया जाए, तो शायद सिंहराज आजाद हो सकता है। चीकू ने बिना समय गंवाए अपने नुकीले दांतों से जाल की रस्सियों पर काम शुरू कर दिया। वह तेजी से कुतरने लगा, और उसकी छोटी-सी बॉडी पूरी ताकत से काम में जुट गई।
सिंहराज, जो अब तक निराश हो चुका था, ने चीकू को देखा। पहले तो उसे विश्वास नहीं हुआ कि यह वही छोटा-सा चूहा है, जिसे उसने कुछ महीने पहले छोड़ दिया था। उसने कमजोर आवाज में कहा, “चीकू, तुम यहां क्या कर रहे हो? यह जाल बहुत मजबूत है। तुम इसे नहीं काट सकते।”
लेकिन चीकू ने जवाब नहीं दिया। वह पूरी एकाग्रता से रस्सियों को काट रहा था। उसकी मेहनत रंग लाई, और धीरे-धीरे जाल की रस्सियां कमजोर होने लगीं। आखिरकार, एक जोरदार झटके के साथ, जाल टूट गया, और सिंहराज आजाद हो गया।
सिंहराज ने एक लंबी सांस ली और अपनी आजादी का अहसास किया। उसने चीकू की ओर देखा, जो अब थककर हांफ रहा था। सिंहराज की आंखें कृतज्ञता से भर गईं। उसने कहा, “चीकू, तुमने आज मेरी जान बचाई। मैंने तुम्हें छोटा और कमजोर समझा था, लेकिन तुमने साबित कर दिया कि हिम्मत और दिल का साइज मायने नहीं रखता।”
चीकू ने शर्माते हुए कहा, “महाराज, आपने उस दिन मेरी जान बख्शी थी। आज मैंने बस आपका कर्ज चुकाया।”
सिंहराज ने मुस्कुराते हुए कहा, “नहीं, चीकू। तुमने मुझसे ज्यादा बड़ा काम किया। आज से तुम मेरे दोस्त हो।”
इसके बाद, सिंहराज और चीकू की दोस्ती जंगल में मशहूर हो गई। जंगल के सभी जानवरों ने इस कहानी से सीखा कि कोई भी छोटा या कमजोर नहीं होता। हर किसी में कुछ न कुछ खास होता है, और सच्ची दोस्ती वही है, जो एक-दूसरे की मदद में कभी पीछे न हटे।
सीख (moral of the story)
यह कहानी हमें सिखाती है कि दया और कृतज्ञता का महत्व कभी कम नहीं होता। चाहे कोई कितना भी ताकतवर हो, उसे कभी-कभी छोटे से प्राणी की मदद की जरूरत पड़ सकती है। और चाहे कोई कितना भी छोटा हो, उसमें इतनी हिम्मत हो सकती है कि वह किसी की जिंदगी बदल दे।
यहाँ क्लिक करें और Amazon से ऑर्डर करें
उम्मीद है आपको Sher Aur Chuha Ki Kahani पसंद आई होगी। अन्य कहानियां पढ़ें:
- शेर और पिस्सू की कहानी
- शेर और कछुआ की कहानी
- शेर और मूर्ख गधा की कहानी
- शेर और मछली की कहानी
- शेर और भैंस की कहानी