रास्ते का पत्थर की कहानी | The Stone On The Road Story In Hindi

रास्ते का पत्थर कहानी, The Stone On The Road Story In Hindi, Raste Ka Patthar Kahani, Kisan Aur Patthar Ki Kahani, Raja Aur Patthar Ki Kahani  इस पोस्ट में शेयर की जा रही है। यह कहानी जिंदगी की बाधाओं का सामना करने और परोपकार करने की सीख देती है। पढ़िए पूरी कहानी : 

The Stone On The Road Story In Hindi

The Stone On The Road Story In Hindi

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बहुत समय पहले की बात है। एक राज्य में एक राजा रहता था। वह अक्सर वेश बदलकर अपने राज्य के गांव और नगरों के भ्रमण पर निकलता और प्रजा के हालचाल लिया करता था।

एक दिन वह हमेशा की तरह वेश बदलकर भ्रमण पर निकला। एक रास्ते पर पहुंचकर उसे विचार आया कि क्यों न मैं अपने राज्य के लोगों की परीक्षा लूं। आखिर मुझे भी तो पता चले कि मेरे राज्य की प्रजा के चरित्र का पता चले।

उसने एक रास्ते के किनारे पड़ा एक बड़ा सा पत्थर रास्ते के बीचों बीच ढकेल दिया। रास्ते के बीचों बीच आ जाने की वजह से पत्थर ने आधा रास्ता घेर लिया था। वह रास्ते पर अवरोध की तरह था।

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राजा पेड़ के पीछे छुप गया और देखने लगा कि कौन उस रास्ते के पत्थर को हटाता है। कई लोग उस रास्ते से गुजरे और रास्ते पर पड़े पत्थर को देखकर अपनी असुविधा जताने लगे। वे राजा की बुराइयां करते कि उसे प्रजा की परेशानियों का ध्यान नहीं है। रास्तों पर इस तरह बड़े बड़े पत्थर पड़े रहते हैं, लेकिन उन्हें हटाने की कोई व्यवस्था नहीं रहती। किंतु कोई भी इस पत्थर को वहां से हटाने का प्रयास नहीं करता।

राजा छुपकर सारा हाल देख रहा था। कई घंटे बीत गए थे, किंतु किसी ने उस पत्थर को हटाने का प्रयास नहीं किया था। राजा दुखी हो गया कि उसके राज्य के लोग कितने स्वार्थी हैं, जो दूसरों की मीनमेख तो निकालते हैं, पर खुद भलाई का कोई काम नहीं करते।

वह स्वयं रास्ते पर पड़ा पत्थर हटाने के लिए आगे बढ़ा। तभी उसने देखा की एक किसान पीठ पर धान की बोरी लादे आ रहा है। वह फिर पेड़ के पीछे छुप गया। उसने सोचा, इस व्यक्ति को देख लेता हूं। इसने भी पत्थर न हटाया, तो मैं स्वयं हटा दूंगा।

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किसान पत्थर के पास पहुंचा और ठहर गया। उसने अपने पीठ की भारी बोरी किसी तरह उतारी और एक किनारे रख दी। फिर वह पत्थर के पास गया और उसे हटाने के लिए ज़ोर लगाने लगा। किसी तरह उसने पत्थर रास्ते के किनारे सरका दिया और हाथ झाड़ता हुआ बुदबुदाया – “अब इस पत्थर के कारण रास्ते से जाने वाले राहगीरों को कोई परेशानी नहीं होगी।”

वह अपनी बोरी उठाने के लिए बढ़ने लगा, तो उसकी नजर एक पोटली पर पड़ी। वह उसी स्थान पर थी, जहां पत्थर पड़ा था। राजा ने ही वह पोटली पत्थर के नीचे दबाई थी। उसके साथ एक पत्र भी था। किसान ने पत्र पढ़ा, उसमें लिखा था – “ये पोटली राज्य के राजा की तरफ से रास्ते का पत्थर हटाने वाले व्यक्ति का पुरुस्कार है।”

किसान ने पोटली खोली। उसके सोने के सिक्के थे। उसने मन ही मन राजा का धन्यवाद किया। फिर सोने के सिक्कों की पोटली कमर में बांधकर और धान की बोरी पीठ पर लाद कर अपने घर की ओर चला गया।

सीख (Raste Ka Patthar Kahani Ki Seekh)

1. रास्ते में आने वाली हर बाधाएं उन्नति का अवसर है। इसलिए बाधाओं से डरे नहीं। उनका सामना करें और उन्हें हटाकर जीवन में तरक्की के मार्ग पर आगे बढ़ें।

2. परोपकार करने वाले व्यक्ति को परोपकार का शुभ फल अवश्य मिलता है।

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