फ्रेंड्स, इस पोस्ट में हम शेखचिल्ली की कहानी “क़ुतुब मीनार कैसे बना?“(Shekh Chilli Aur Qutub Minar Ka Kissa) शेयर कर रहे हैं. एक बार शेख चिल्ली दिल्ली जाता है और घूमते हुए क़ुतुब मीनार पहुँच जाता है. वहाँ दो व्यक्ति ये चर्चा करते रहे होते हैं कि क़ुतुब मीनार कैसे बना? शेख चिल्ली भी उसमें शामिल हो जाता है. चर्चा का क्या नतीज़ा रहता है, ये जानने के लिए पढ़िये शेख चिल्ली का ये मज़ेदार किस्सा (Shekh Chilli And Qutub Minar Story In Hindi) :
Shekh Chilli Aur Qutub Minar Ka Kissa
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पढ़े शेखचिल्ली की संपूर्ण कहानियाँ
एक बार शेख चिल्ली दिल्ली घूमने गया. वहाँ क़ुतुब मीनार के चर्चे सुनकर वह उसे देखने पहुँचा.
क़ुतुब मीनार के पास खड़े होकर वह उसका मुआइना कर ही रहा था कि उसके कानों में दो आदमियों की बात पड़ी. दोनों आपस में बातें कर रहे थे. एक कह रह था, “वाह, क्या शानदार मीनार है? इसकी लंबाई तो देखो. ज़रूर उस ज़माने के लोग बहुत लंबे होते होंगे, तभी तो इतनी लंबी मीनार बना ली.”
“अरे बेवकूफ़” दूसरा आदमी बोला, “थोड़ा तो दिमाग लगाया कर. क़ुतुब मीनार को पहले लिटाकर बनाया गया है. फिर इसे सीधा खड़ा कर दिया गया है.”
पहले आदमी को ये बात जमी नहीं. वह बोला, “ऐसा हो ही नहीं सकता.”
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बस फिर क्या था? दोनों में बहस होने लगी. कोई दूसरे की बात मानने को राज़ी नहीं था. कुछ ही देर में उनकी बहस लड़ाई में तब्दील हो गई.
शेख चिल्ली यह सब देख-सुन रहा था. उसे उन दोनों की सोच पर बड़ा तरस आया. वह उनका बीच-बचाव करता हुआ बोला, “लड़ क्यों रहे हो भाइयों. तुम दोनों ही गलत हो. बात ये है कि क़ुतुब मीनार बनाने के लिए पहले कुवां खोदकर उसे पक्का किया गया. बाद में पलटकर खड़ा कर दिया. हो गई क़ुतुब मीनार तैयार. इतनी बात समझ नहीं आई तुम दोनों को.”
दोनों आदमी शेखचिल्ली का मुँह देखते रह गए.
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