स्नो वाइट और सात बौनों की कहानी | Snow White And The Seven Dwarfs Story In Hindi

फ्रेंड्स, इस पोस्ट में हम स्नो वाइट की कहानी (Snow White Story In Hindi) शेयर कर रहे हैं. यह १९वीं  शताब्दी की एक जर्मन परी कथा (German Fairy Tale) है. Brothers Grimm ने सबसे पहले इसे १८१२ में अपने के ‘Grimms’ Fairy Tales‘ कलेक्शन के पहले संस्करण में प्रकाशित किया था. आज भी स्नो वाइट की कहानी (Snow White Ki Kahani) बच्चों में बहुत लोकप्रिय है और इस पर कई फ़िल्में बन चुकी है. पढ़िए पूरी कहानी :    

Snow White And The Seven Dwarfs Story In Hindi

Snow White And The Seven Dwarfs Story In Hindi
Snow White And The Seven Dwarfs Story In Hindi

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बहुत समय पहले की बात है. एक राज्य में स्नो वाइट (Snow White) नाम की राजकुमारी अपने पिता और सौतेली माँ के साथ रहती थी. उसकी सगी माँ की मृत्यु तभी हो गई थी, जब वह बहुत छोटी थी.

स्नो वाइट का जन्म बहुत मिन्नतों के बाद हुआ था. लंबे समय से उसकी माँ संतान को तरस रही थी. एक दिन अचानक कुछ अजीब हुआ. वह एक बर्फ़ीला दिन था. स्नो वाइट की माँ महल की खिड़की के पास खड़ी बर्फ़बारी देखते-देखते कुछ सिल रही थी, तभी कहीं से एक स्नोबर्ड उड़कर खिड़की के रास्ते महल में घुस गई. उसे देख स्नो वाइट की माँ का ध्यान भटका और सुई उसकी उंगली में चुभ गई.

सुई के चुभते ही रक्त की कुछ बूंदे सफ़ेद बर्फ़ पर गिरी और उससे सुंदर चेहरे की एक आकृति बन गई. उस समय स्नो वाइट की माँ ने एक ऐसी पुत्री की कामना की, जिसका रंग बर्फ़ जैसा सफ़ेद हो, होंठ रक्त जैसे लाल हों और बाल काली घटा जैसे घने हों. इसके कुछ दिनों बाद ही वह गर्भवती हो गई और कुछ महिनों बाद उसने एक बच्ची को जन्म दिया. बर्फ़ सी गोरी होने के कारण उस बच्ची का नाम ‘स्नो वाइट’ (Snow White) रखा गया.

स्नो वाइट की माँ की मृत्यु उसे जन्म देने के कुछ महिनों बाद ही हो गई. मृत्यु के पूर्व उसने स्नो वाइट के पिता से वचन लिया कि वे स्नो वाइट के लिए नई माँ ले आएंगे और उसका पूरा ख्याल रखेंगे. अपनी पत्नि को दिए वचन के कारण स्नो वाइट के पिता ने दूसरा विवाह कर लिया और इस तरह स्नो वाइट की सौतेली माँ महल में आ गई.

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स्नो वाइट की सौतेली माँ काला जादू जानती थी. उसने काला जादू से राजा को अपने वश में कर लिया. अब वह जैसा कहती, राजा वैसा ही करता. राज्य की सारी सत्ता एक तरह से उसके हाथ में आ गई.

उसके पास एक सच बोलने वाला जादुई आईना था, जिससे वह अक्सर पूछा करती थी, “बता जादुई आईने, दुनिया में सबसे सुंदर कौन है?”

जादुई आईना हमेशा उत्तर देता, “दुनिया में सबसे सुंदर आप हो रानी. आपसा सुंदर कोई नहीं.”

ये उत्तर सुनकर वह बहुत ख़ुश हुआ करती थी. धीरे-धीरे अपनी सुंदरता के प्रति उसका घमंड बढ़ता गया. उसे किसी और का ख़ुद से अधिक सुंदर कहलाना गंवारा नहीं था.  

इधर समय गुजरता जा रहा था और गुजरते समय के साथ स्नो वाइट बड़ी हो रही थी. जैसे-जैसे वह बड़ी हो रही थी, उसकी सुंदरता निखरती जा रही थी. अपनी सुंदरता के घमंड में मस्त उसकी सौतेली माँ का कभी इस ओर ध्यान नहीं गया. लेकिन, एक दिन सबकुछ बदल गया.  

एक दिन उसने जादुई आईने से पूछा, “बता जादुई आईने, दुनिया में सबसे सुंदर कौन है?”

उसे उम्मीद थी कि हर बार की तरह जादुई आईना उसे ही सबसे सुंदर कहेगा. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. जादुई आईना बोला, “दुनिया में सबसे सुंदर है स्नो वाइट.”

यह सुनकर वह स्नो वाइट (Snow white) के प्रति ईर्ष्या से भर उठी. दुनिया में सबसे सुंदर बने रहने के लिए उसने स्नो वाइट को मार डालने की योजना बनाई. इसका जिम्मा उसने अपने एक सैनिक को सौंपा.

सैनिक स्नो वाइट को मार डालने जंगल ले गया. लेकिन वहाँ उसका मासूम चेहरा देख उसका हृदय पिघल गया. वह उसे मार नहीं पाया. उसकी सौतेली माँ के बारे में सब कुछ बताते हुए उसने स्नो वाइट को नसीहत दी कि वह कहीं दूर सुरक्षित स्थान पर चली जाये और कभी महल वापस न आये.

वह महल लौट आया और स्नो वाइट की सौतेली माँ को एक मरे हुए सूअर का दिल दिखा दिया.

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इधर स्नो वाइट जंगल में भटकने लगी. दिन भर इधर-उधर भटकने के बाद शाम को वह एक पहाड़ी के पास पहुँची, जहाँ एक छोटा सा घर बना हुआ था. वह सात बौनों का घर था.

स्नो वाइट ने उस घर के दरवाज़े पर दस्तक दी. लेकिन किसी ने दरवाज़ा नहीं खोला. कुछ देर दस्तक देने के बाद  भी जब किसी ने दरवाज़ा नहीं खोला, तो स्नो वाइट ने दरवाज़े को हल्का सा धक्का दिया और वह खुल गया. डरते-डरते स्नो वाइट घर के अंदर चली गई. अंदर जाकर उसने देखा कि घर करीने से सजा हुआ था. लेकिन हैरत में डालने वाली बात ये थी कि घर का सारा सामान आकार में बहुत छोटा था.

स्नो वाइट ने दिन भर से कुछ नहीं खाया था. उसे ज़ोरों की भूख लग आई थी. उसने एक कमरे में छोटी सी मेज़ दिखाई पड़ी, जिस पर तरह-तरह के पकवान छोटे बर्तनों में रखे हुए थे. भूख के कारण स्नो वाइट ने पूरा खाना खा लिया.

फिर उसे नींद आने लगी. वह दूसरे कमरे में गई. वहाँ उसने देखा कि एक कतार में सात पलंग लगे हुए हैं, जिन पर मखमली बिछौना बिछा हुआ है. थकी हुई स्नो वाइट एक पलंग पर सो गई.

Snow White And The Seven Dwarfs Story In Hindi
Snow White And The Seven Dwarfs Story In Hindi

शाम होने पर सात बौने (Seven Dwarfs) घर लौटे. अपने घर का दरवाज़ा खुला देख वे हैरान रह गए. अंदर गए, तो देखा उनका सारा खाना गायब है. शयन कक्ष में गए, तो उन्हें स्नो वाइट सोती हुई दिखाई पड़ी.

इतनी सुंदर और मासूम लड़की उन्होंने पहले कभी नहीं देखी थी. उन्होंने उसे जगाया नहीं, बल्कि उसके पलंग के पास बैठकर उसे देखने लगे. कुछ देर बाद उन्हें नींद आ गई और वे जहाँ बैठे थे, वहीं बैठे-बैठे सो गए.

सुबह जब स्नो वाइट की नींद खुली, तो पलंग के चारों ओर सोये सात बौनों को देखकर डर गई और मारे डर के ज़ोर से चीख पड़ी. उसकी चीख सुन सातों बौने भी जाग गए.

स्नो वाइट ने डरते-डरते पूछा, “कौन हो तुम लोग?”

“हम इस घर के मालिक हैं. तुम बताओ तुम कौन हो?” सातों बौने एक साथ बोले. 

स्नो वाइट (Snow White) ने उन्हें अपना परिचय दिया, अपनी आप-बीती सुनाई और यह भी बताया कि वह उनके घर कैसे पहुँची. उसकी आप-बीती सुनकर सातों बौने बहुत दु:खी हुए. उन्होंने स्नो वाइट को अपने घर में पनाह दे दी.

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उस दिन के बाद से स्नो वाइट सात बौनों के घर रहने लगी. सातों बौने दिन में जंगल में काम पर चले जाते. स्नो वाइट (Snow White) घर की साफ़-सफ़ाई करती और खाना बनाती. बौनों के साथ रहकर स्नो वाइट बहुत ख़ुश थी. बौने भी स्नो वाइट के साथ बहुत ख़ुश थे.

इधर महल में स्नो वाइट की सौतेली माँ ने चाल चली और उसके पिता को कैद कर दिया. अब वह पूरे राज्य की महारानी बन बैठी. प्रजा उसे महारानी के रूप में स्वीकार करने तैयार नहीं थी, लेकिन उसके ज़ुल्मों के समाने विवश थीं.

इस बीच कई दिनों तक स्नो वाइट की सौतेली माँ को जादुई आईने का ख्याल नहीं आया. लेकिन एक दिन जब उसे अपनी प्रशंषा सुनने का मन हुआ, तो उसने जादुई आईने से पूछा, “बता जादुई आईने, दुनिया में सबसे सुंदर कौन है?”

सदा सच बोलने वाले जादुई आईने के उतर दिया, “दुनिया में सबसे सुंदर है – पहाड़ों के पास सात बौनों के घर रहने वाली स्नो वाइट.”

यह सुनना था कि स्नो वाइट की सौतेली माँ आग-बबूला हो उठी. उसे सैनिक की चाल समझ आ गई और उसने उसे मौत के घाट उतरवा दिया.

अगले दिन उसने एक बुढ़िया का वेश धरा और स्नो वाइट को मारने सात बौनों के घर पहुँचकर दरवाज़ा खटखटाने लगी. उस समय स्नो वाइट घर पर अकेली थी. दरवाज़े पर दस्तक सुनकर दरवाज़ा खोल दिया. बुढ़िया के वेश में अपनी सौतेली माँ को वह पहचान नहीं पाई.

बुढ़िया बनी सौतेली माँ बोली, “मैं कंघी बेचने वाली हूँ. एक कंधी ख़रीद लो.”

स्नो वाइट ने एक कंघी पसंद की, तो वह बोली, “आओ तुम्हारे घने बाल संवार दूं.”

स्नो वाइट मान गई. उसे पता नहीं था कि वह एक जहरीली कंघी है. जैसे ही जहरीली कंघी स्नो वाइट के सिर पर चली, वह गिर पड़ी. उसकी दुष्ट सौतेली माँ उसे मरा समझकर वहाँ से चली गई.

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लेकिन स्नो वाइट मरी नहीं थी, वह सिर्फ़ बेहोश हुई थी. कुछ ही देर में सात बौने घर लौट आये. उन्होंने स्नोवाइट को जमीन पर बेहोश पड़ा देखा, तो उसके सिर पर फंसी कंघी निकाल दी. कंघी निकालते ही स्नो वाइट होश में आ गई.

पूछने पर स्नो वाइट (Snow White) ने सारी घटना बता दी. बौने समझ गए कि अवश्य स्नो वाइट की सौतेली माँ उसे मारने आई थी. उन्होंने स्नो वाइट को घर का दरवाज़ा किसी भी अजनबी के लिए खोलने से मना कर दिया. स्नो वाइट ने भी उन्हें आश्वासन दिया कि वह सावधान रहेगी.

महल पहुँचकर स्नो वाइट की सौतेली माँ ने जादुई आईने से पूछा, “बता जादुई आईने, दुनिया में सबसे सुंदर कौन है?”

“पहाड़ के पास सात बौनों के घर रहने वाली स्नो वाइट.” जादुई आईने ने उत्तर दिया. 

स्नो वाइट की सौतेली माँ का पहला वार खाली गया था. वह उसे मारने का दूसरा उपाय सोचने लगी. इस बार उसने जहरीला फल खिलाकर स्नो वाइट को मारने की योजना बनाई.

कुछ दिनों बाद वह एक फल वाली का वेश धरकर सात बौनों के घर पहुँची. उस समय भी स्नो वाइट घर पर अकेली थी. दरवाज़े पर दस्तक होने पर स्नो वाइट ने अंदर से ही पूछा, “कौन है?”

“मैं फल वाली हूँ. ताज़े-मीठे फल लाई हूँ.” उसकी सौतेली माँ खिड़की के पास आकर बोली.

“मुझे फल नहीं चाहिए.” स्नो वाइट (Snow White) ने आधी खिड़की खोलकर मना कर दिया.

स्नो वाइट के मना करने पर उसकी सौतेली माँ बोली, “बेटी, मेरी मदद कर दो. आज मेरा एक भी फल नहीं बिका. मेरे पति की तबियत बहुत ख़राब है. फल नहीं बिका, तो मैं उसका इलाज कैसे कराऊंगी.”

स्नो वाइट को दया आ गई. वह फल ख़रीदने तैयार हो गई. तब फल वाली बनी उसकी सौतेली माँ ने जहरीले फल का टुकड़ा काटकर स्नो वाइट को दिया और बोली, “एक टुकड़ा चखकर देखो. ऐसा फल तुमने पहले कभी नहीं खाया होगा.”

स्नो वाइट ने वह टुकड़ा लेकर मुँह में डाल लिया. मुँह में टुकड़ा डालते ही जहर ने अपना असर दिखा दिया. स्नो वाइट ने होंठ नीले पड़ गए और वह गिर पड़ी.

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उसकी सौतेली माँ ख़ुशी-ख़ुशी महल वापस आ गई. वहाँ उसने जादुई आईने से पूछा, “बता जादुई आईने, दुनिया में सबसे सुंदर कौन है?”

“दुनिया में सबसे सुंदर तुम हो रानी.” जादुई आईने का ये उत्तर सुनकर वह ख़ुशी से झूम उठी.

जब बौने घर पहुँचे, तो स्नो वाइट को अचेत अवस्था में पाया. उन्होंने उसे उठाने की बहुत कोशिश की, लेकिन नाकाम रहे. वे समझ गए कि स्नो वाइट अब इस दुनिया में नहीं रही. सब दु:खी थे और जोर-ज़ोर से रो रहे थे. रोते-रोते तीन दिन बीत गए.

उन्होंने ये गौर किया कि तीन दिन बाद भी स्नो वाइट के शरीर में कोई बदलाव नहीं हैं. उसकी त्वचा वैसी की वैसी है. उसे देख ऐसा लगता था, मानो वह सो रही हो. इसलिए उन्होंने उसे दफ़नाया नहीं, बल्कि एक पारदर्शी ताबूत में लिटाकर पहाड़ी के ऊपर रख दिया. उस ताबूत पर उन्होंने लिखा : “यहाँ राजकुमारी स्नो वाइट सो रही है.”

स्नो वाइट (Snow White) के ताबूत के पास आकर जंगल के सभी पशु-पक्षी विलाप करने लगे. उस समय वहाँ से एक राजकुमार अपने सैनिकों के साथ जा रहा था. उसने जब पशु-पक्षियों को विलाप करते हुए देखा, तो स्नो वाइट के ताबूत के पास गया.

पारदर्शी काँच के ताबूत में लेटी स्नो वाइट को जब उसने देखा, तो देखता रहा गया. वह अब भी बहुत ख़ूबसूरत लग रही थी. राजकुमार को उससे प्रेम हो गया, यह जानते हुए भी कि अब वह उस दुनिया में नहीं है.

वह उसे अपने साथ महल ले जाना चाहता था. वह बौनों के पास गया और उनसे पूछा, “क्या मैं स्नो वाइट को अपने साथ ले जा सकता हूँ.”

“नहीं” सातों बौने एक स्वर में बोले.

राजकुमार ने उन्हें तरह-तरह की चीज़ों का लालच दिया, लेकिन बौने नहीं माने. तब राजकुमार ने उन्हें बताया कि उसे स्नो वाइट से प्रेम हो गया है. भले ही उसमें अब जान नहीं रही. लेकिन फिर भी वह उसे अपने पास रखना चाहता है, क्योंकि वह उसे देखे बिना नहीं रह सकता.

स्नो वाइट के प्रति राजकुमार का प्रेम देख बौनों का दिल पसीज़ गया और उन्होंने उसे स्नो वाइट को ले जाने की अनुमति दे दी.

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राजकुमार ने अपने सैनिकों से स्नो वाइट का ताबूत उठकर महल की ओर चलने को कहा. सैनिकों ने वैसा ही किया. राजकुमार आगे चल रहा था और सैनिक ताबूत उठाये उसके पीछे.

वे कुछ ही दूर चले थे कि एक सैनिक का पैर किसी पत्थर से टकराया और वह लड़खड़ा गया. उसके लड़खड़ाने से ताबूत हिला और स्नो वाइट ने मुँह में दबा जहरीले फल का टुकड़ा बाहर निकल गया.

ताबूत के हिलने के कारण सैनिकों ने उसे जमीन पर रख दिया, ताकि वे उसे फिर से ठीक तरीके से उठा पायें. राजुकमार भी ताबूत के पास जाकर स्नो वाइट को देखने लगा. वह उसे करीब से देखना चाहता था इसलिए उसने ताबूत के ऊपर का कांच हटवा दिया.

राजकुमार ने जब करीब से स्नो वाइट को देखा, तो उसकी सुंदरता देख खुद को रोक नहीं पाया और उसके माथे को चूम लिया. जैसे ही उसके स्नो वाइट के माथे को चूमा, स्नो वाइट (Snow White) आँखें खोल दी.

उसे ज़िन्दा देख राजकुमार बहुत खुश था. उसने उसे बताया कि वह उसे बहुत प्रेम करता है और उससे विवाह करना चाहता है. स्नो वाइट ने जब ये जाना कि उसके मरे होने पर भी राजकुमार उससे प्रेम करने लगा था, तो वह विवाह के लिए मान गई. लेकिन वह अपने पिता की स्वीकृति के बाद ही विवाह करना चाहती थी.

तब एक सैनिक ने बताया कि उसकी सौतेली माँ ने उसके पिता को बंदी बनाकर पूरे राज्य पर कब्ज़ा कर लिया है. यह सुनकर स्नो वाइट दु:खी हो गई और रोने लगी.

तब राजकुमार ने उसे दिलासा देते हुए कहा कि वह उसके पिता को उसकी दुष्ट सौतेली माँ के चंगुल से आज़ाद करवायेगा. राजकुमार ने अपनी पूरी सेना लेकर उस राज्य पर हमला कर दिया. घमासान युद्ध में राजकुमार की जीत हुई. स्नो वाइट की सौतेली माँ राज्य छोड़कर भाग गई.

स्नो वाइट के पिता को कैद से छुड़वाया गया. फिर राजकुमार ने उनसे स्नो वाइट का हाथ मांगा. राजा ने ख़ुशी-ख़ुशी हामी भर दी. स्नो वाइट और राजकुमार का धूमधाम से विवाह हुआ, जिसमें सातों बौने भी शामिल हुए.

अब स्नो वाइट (Snow White) को किसी बात का दुःख नहीं था. वह राजकुमार के साथ ख़ुशी-ख़ुशी रहने लगी.


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